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हैदराबादः तेलंगाना में विधानसभा चुनाव शुरू होने में बस कुछ दिन शेष रह गए है. ऐसे में चुनाव प्रचार करने पहुंचे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा असुद्दीन ओवैसी के लिए भड़काऊ बयान पर ओवैसी ने पटलवार किया है. एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने योगी पर तंज कस्ते हुए कहा कि मेरे अब्बा जब जन्नत से निकलकर दुनिया में पहला कदम रखे तो हिंदुस्तान में रखे, ये हिंदुस्तान मेरे बाप का मुल्क है कोई भी मुझे यहां से नहीं निकाल सकता है. आपको बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कुल 119 सीटों पर 7 दिसंबर से मतदान होने है. इसके साथ ही वोटों की गिनती 11 दिंसबर को की जाएगी. As an independent media platform, we do not take advertisements from governments and corporate houses. It is you, our readers, who have supported us on our journey to do honest and unbiased journalism. Please contribute, so that we can continue to do the same in future.
बिहार में वैशाली आज केला, आम के पेड़ों और चावल के खेतों से घिरा एक छोटा सा गाँव है। लेकिन इस क्षेत्र में खुदाई से एक ऐतिहासिक ऐतिहासिक अतीत प्रकाश में आया है। महाकाव्य रामायण यहाँ पर शासन करने वाले वीर राजा विशाल की कहानी कहती है। इतिहासकारों का कहना है कि दुनिया की पहली लोकतांत्रिक गणराज्यों में से एक प्रतिनिधि सभा के साथ यहां 6 वीं शताब्दी ई.पू. वज्जियों और लिच्छवियों के समय में। और जब मौर्य और गुप्तों की राजधानी पाटलिपुत्र, गंगा के मैदान पर राजनीतिक बोलबाला था, वैशाली व्यापार और उद्योग के लिए एक समृद्ध केंद्र था। सम्राट अशोक ने कोल्हाुआ में द लायन पिलर बनवाया। यह लाल बलुआ पत्थर के एक अत्यधिक पॉलिश किए गए एकल टुकड़े से बना है, जो 18.3 मीटर ऊंची बेल के आकार की राजधानी है। खंभे के ऊपर एक शेर की आदमकद आकृति रखी गई है। यहां एक छोटा तालाब है जिसे रामकुंड के नाम से जाना जाता है। कोल्हुआ में एक ईंट स्तूप के बगल में यह स्तंभ बुद्ध के अंतिम उपदेश का स्मरण कराता है। पाल काल में बना एक पुराना मंदिर बावन पोखर के उत्तरी किनारे पर स्थित है और कई हिंदू देवताओं की सुंदर छवियों को दर्शाता है। इस स्तूप का बाहरी हिस्सा जो अब जर्जर हालत में है, इसकी सतह समतल है। भगवान बुद्ध की पवित्र राख के आठवें हिस्से को यहां एक पत्थर के ताबूत में रखा गया था। 1958 में इस स्थल पर खुदाई से भगवान बुद्ध की राख से युक्त एक और ताबूत की खोज हुई। अभिषेक पुष्करन (राज्याभिषेक टैंक) इसमें वह पानी शामिल है जिसे पुराने दिनों में पवित्र माना जाता था। वैशाली के निर्वाचित प्रतिनिधि का उनके शपथ ग्रहण से पहले यहाँ पर अभिषेक किया गया। लिच्छवी स्तूप यहाँ के पास स्थित था। भगवान बुद्ध की पवित्र राख के पत्थर के ताबूत को यहां वैशाली में स्थापित किया गया था। यह भगवान महावीर का जन्म स्थान है।यह माना जाता है कि जैन तीर्थंकर, भगवान महावीर 2550 साल पहले पैदा हुए थे। कहा जाता है कि महावीर ने अपने जीवन के पहले 22 साल यहां बिताए हैं। एक किलोमीटर की परिधि वाला एक विशाल टीला और उनके चारों ओर 43 मीटर चौड़े चबूतरे के साथ लगभग 2 मीटर ऊंची दीवारें हैं, जिन्हें प्राचीन संसद भवन कहा जाता है। संघीय विधानसभा के सात हजार से अधिक प्रतिनिधि दिन की समस्याओं पर कानून बनाने और चर्चा करने के लिए यहां एकत्र हुए। बुद्ध विहार सोसाइटी द्वारा निर्मित राज्याभिषेक टैंक के दक्षिण तट पर स्थित है।
• सभी शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया, और जिन 12 शवों की पहचान नहीं हो पाई थी, उन्हें एक साथ दफना दिया गया। • तीन जीवित बचे यात्री अभी अस्पताल में भरती हैं जबकि पांच को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। • एजेंल्स ऑफ एयर इंडिया सभी परिजनों, जीवित बचे यात्रियों को सहारा दे रहा है और अन्य मदद प्रदान कर रहा है। • केनयॉन इंटरनेशनल ने विसंक्रमण, सफाई और मृतकों के निजी सामानों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। यह कार्य मेंगलुरु में चल रहा है। • एजेंल्स और स्थानीय अधिकारी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का काम देख रहे हैं। • एयर इंडिया ने 159 मामलों में 11 जून, 2010 को 14.06 करोड़ रुपये का बतौर अंतरिम क्षतिपूर्ति भुगतान कर दिया है। इसके अलावा एयर इंडिया ने प्रधानमंत्री राहत कोष से 3.06 करोड़ रुपये दिलवाए हैं। • प्रधानमंत्री राहत कोष से 151 मृत्यु मामलों में प्रत्येक के परिजनों को दो दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी गयी है। प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रत्येक घायल को 50 50 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति भी दी गई है। • प्रत्येक घायल को दो दो लाख रुपये अंतरिम क्षतिपूर्ति दी गई है। इसके अलावा प्रत्येक मृत बच्चे के परिजन को पांच पांच लाख रुपये और प्रत्येक वयस्क मृतक के परिजन को 10 10 लाख रुपये दिए गए हैं। (Release ID :3534)
उनके दिल अल्लाह की याद में पसीज जाएं और अल्लाह ने जो हक की बात नाज़िल की है उसके आगे उनके दिल नर्म हो जाएं। क्या अब भी इसका वक़्त नहीं आया? यह आवाज़ उस सितार से आ रही थी। बहर हाल! अल्लाह तआला जिस किसी बन्दे को अपनी तरफ़ खींचना चाहते हैं तो ऐसे गैबी सामान भी पैदा फ़रमा देते हैं। जब सितार से यह आवाज़ सुनी, बस उसी वक़्त दिल की दुनिया बदल गई और ज़बान से इस आयत का जवाब दिया किः "بلى يارب قدان ऐ अल्लाह! वह वक़्त आ गया। उसी वक़्त गाने बजाने और शराब कबाब से तौबा की और फिर दिल में इल्म हासिल करने का तक़ाज़ा और जज़्बा पदा हुआ और इल्म हासिल करना शुरू किया और इतने बड़े आलिम बने कि हदीस में बहुत ऊंचे दर्जे के इमाम बन गए। इमाम अबू हनीफा रहमतुल्लाहि अलैहि की शागिर्दी का शर्फ हासिल किया। और अब उनका क़ौल हदीस के अन्दर भी हुज्जत का दर्जा रखता है और फिका के अन्दर भी हुज्जत है, और सूफिया-ए-किराम के भी बड़े इमाम बन गए। का बुलन्द मक़ाम उन्हीं का वाकिआ है कि एक मर्तबा हारून रशीद बग़दाद में अपने महल के बुर्ज में अपनी बीवी के साथ बैठा हुआ था। शाम का वक़्त था, हारून रशीद ने शहर पनाह के बाहर से बहुत ज़बरदस्त शोर सुना। बादशाह को ख़तरा हुआ कि कहीं दुश्मन ने तो श्हर पर हमला नहीं कर दिया। उसने जल्दी से आदमी भेजा कि जाकर मालूम करे कि यह कैसा शोर है। चुनांचे वह गया और मालूम करके जब वापस आया तो उसने बताया कि हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रहमतुल्लाहि अलैहि आज इस शहर में तशरीफ़ लाने वाले थे और लोग उनके स्वागत के लिए शहर से बाहर निकले हुए थे, जब वह तशरीफ लाये तो उन्हें वहां पर छींक आ गई। उस छींक पर उन्होंने "अल्हम्दु लिल्लाह" कहा और स्वागत करने वालों ने उसके जवाब में "यर्हमुकल्लाह" कहा, यह उसका शोर था । जब हारून रशीद की बीवी ने यह सूरते हाल सुनी तो हारून रशीद से कहाः हारून! तुम यह समझते हो कि तुम बड़े बादशाह हो और आधी दुनिया पर तुम्हारी हुकूमत है, लेकिन सच्ची बात यह है कि बादशाहत तो इन लोगों का हक़ है और हक़ीक़त में तो ये लोग बादशाह हैं, जो लोगों के दिलों पर हुकूमत कर रहे हैं। कोई पुलिस उनको यहां खींच कर नहीं लाई बल्कि यह सिर्फ हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रहमतुल्लाहि अलैहि की मुहब्बत है जिसने इतने सारे लोगों को यहां जमा कर दिया। बहर हाल ! बाद में अल्लाह तआला ने उनको यह मकाम अता फरमाया । का राहत हासिल करना हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रहमतुल्लाहि अलैहि फरमाते हैं कि मेरे ऊपर एक वक़्त गुज़रा है कि मैं बड़े बड़े मालदारों के साथ उठता बैठता था, और हर वक़्त उन्हीं के साथ रहता था, उनके साथ खाता पीता था। लेकिन उस ज़माने में मेरा यह हाल था कि शायद मुझ से ज़्यादा कोई रंज और तकलीफ़ में नहीं था । इसलिये कि मैं जिस दोस्त के पास जाता तो यह देखता कि उसका घर मेरे घर से अच्छा है, और मैं अपनी सवारी पर बड़ा खुश होता कि मेरी सवारी बड़ी अच्छी है लेकिन जब किसी दोस्त के पास जाता तो यह देखता कि उसकी सवारी तो मेरी सवारी से भी आगे बढ़ी हुई है, और वह बहुत आला और उम्दा है, और बाज़ार से अपने लिए आला से आला शानदार लिबास खरीद कर लाया और वह लिबास पहन कर जब दोस्त से मिलने गया तो मैंने देखा कि उसने तो मुझ से भी अच्छा लिबास पहना हुआ है। इसलिये जहां भी जाता हूं तो अपने सामान से अच्छा सामान नज़र आता है। किसी का मकान अच्छा है, किसी के कपड़े अच्छे हैं, किसी की सवारी अच्छी है। फिर बाद में मैंने ऐसे लोगों के साथ उठना बैठना शुरू कर दिया जो ज़्यादा मालदार नहीं थे, बल्कि मामूली किस्म के लोग थे । इसका नतीजा यह हुआ कि मुझे राहत और आराम हासिल हो गया । इसलिये कि अब मैं जिसके पास भी मुलाक़ात के लिए जाता हूं और उसके हालात देखता हूं और उसके मुकाबले में अपनी हालत देखता हूं तो यह नज़र आता है कि मेरा मकान उसके मकान से अच्छा है, और मेरी सवारी उसकी सवारी से अच्छी है, मेरा लिबास उसके लिबास से अच्छा है, और अल्लाह तआला का शुक्र अदा करता हूं कि या अल्लाह आपने इस से बेहतर अता फरमाया । यह है "कनाअत" अगर यह कनाअत हासिल न हो, फिर न सिर्फ यह कि इन्सान सारी उम्र दुनिया हासिल करने की दौड़ में मुब्तला रहेगा बल्कि राहत भी नसीब नहीं होगी। "राहत" अल्लाह तआला की आता है इसलिये कि "राहत" इस पैसे और इस दौलत का नाम नहीं, बल्कि "राहत" तो एक दिली कैफियत का नाम है जो महज़ अल्लाह जल्ल जलालुहू की अता होती है । कोठी और बंगले खड़े कर लो, नौकर चाकर जमा कर लो, दरवाज़े पर लम्बी लम्बी गाड़ियां खड़ी कर लो, ये सब चीचें जमा कर लो, इसके बावजूद यह हाल है कि रात को जब बिस्तर पर लेटते हैं तो नींद नहीं आती, हालांकि आला दर्जे का बिस्तर लगा हुआ है, आला दर्जे की मसहरी है, शानदार किस्म के गद्दे और तकिये लगे हुए हैं, सारी रात करवटें बदलते गुज़र रही है। नींद की गोलियां खा खाकर नींद लाई जा रही है। वे गोलियां भी एक हद तक काम देती हैं, उसके बाद वे भी जवाब दे जाती हैं। देखिए राहत के सामान सब मौजूद हैं। बंगले हैं, गाड़ी है, रुपया पैसा है, एयर कन्डीशन कमरा है, आराम देह बिस्तर है लेकिन रात की बेचैनी को दूर करने में कोई चीज़ कारामद नहीं। वे अस्बाब बेचैनी दूर नहीं कर सकते, बल्कि अल्लाह जल्ल शानुहू ही उस बेचैनी को दूर कर सकते हैं। दूसरी तरफ एक मज़दूर है जिसके पास न डबल बेड है, न उसके पास एयर कन्डीशन कमरा है, न उसके पास ऐसे गर्म गद्दे और तकिए हैं, लेकिन रात को बिस्तर पर सोता है तो सुबह के वक़्त आठ घन्टे की भर पूर नींद लेकर उठता है। आप खुद फ़ैसला करें कि इस मज़दूर को राहत हासिल है या उस मालदार को राहत हासिल है? याद रखिए ! "राहत" अल्लाह तबारक व तआला की अता है। राहत के अस्बाब पर "राहत" हासिल होना ज़रूरी नहीं। "राहत" और चीज़ है "रहात के अस्बाब" और चीज़ हैं। मुझे याद है कि जब मैंने अपने घर में एयर कन्डीशंज़ लगाना चाहा तो सब से पहले तो उसकी ख़रीदारी में यह अच्छी ख़ासी बड़ी रकम खुर्च हुई, जब किसी तरह उसको ख़रीद लिया तो फिर पता चला कि बिजली की वायरिंग इस काबिल नहीं है कि वह उसका बोझ उठा सके। इसलिये उसके लिए नई वायरिंग होगी और उसमें इतने पैसे खर्च होंगे। चुनांचे पैसे खर्च करके नई वायरिंग करा ली, फिर पता चला कि वोलटेज इतना कम है कि वह उसको नहीं चला सकता। उसके लिए स्टेपलाईज़र की ज़रूरत है। चुनांचे वह भी खरीद कर लगा लिया। लेकिन फिर भी वह न चला और यह पता चला कि यहां पर बिजली का पॉवर और ज़्यादा कम है। उसके लिए फलां पॉवर का स्टेपलाईज़र की ज़रूरत है। तक़रीबन छह महीने इस उधेड़ बुन में गुज़र गए और मुझे मुतनब्बी का यह शेर बार बार याद आता रहा किः "وما انتهى ارب الا الى ارب" यानी दुनिया की कोई ज़रूरत ऐसी नहीं है कि उसके पूरा होने के बाद दूसरी नई ज़रूरत सामने न आ जाए। पैसे भी ख़र्च कर लिए, भाग दौड़ भी कर ली, लेकिन वह "राहत" हासिल नहीं हो रही है। इसलिये कि यह "राहत" यह आराम यह सुकून अल्लाह जल्ल जलालुहू की अता है। यह पैसों से नहीं खरीदा जा सकता। याद रखिए! जब तक इन्सान के अन्दर "क़नाअत' पैदा न हो, और जब तक इन्सान अल्लाह तआला की नेमतों पर शुक्र करने का आदी न बन जाए, उस वक़्त तक कभी राहत और सुकून हासिल नहीं हो सकता। चाहे उसके लिए कितने ही पैसे खर्च कर डालो, और कितना ही साज़ व सामान जमा कर लो, बल्कि उसके हासिल करने का तरीका वह है जो मुहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हमें बताया, वह यह कि हमेशा अपने से नीचे वाले को देखो। अपने से ऊपर वाले को मत देखो। और फिर अल्लाह तआला का शुक्र अदा करो । ऊपर की तरफ देखने के बुरे परिणाम इस तरीके पर अमल करने में यह फायदा होगा कि इसके ज़रिये कनाअत पैदा होगी। लेकिन अगर इस पर अमल नहीं करोगे, बल्कि अपने से ऊपर वाले को देखते रहोगे तो हमेशा रंज और सदमे में रहोगे और यह रंज और सदमा किसी न किसी वक़्त "हसद" में तब्दील हो जायेगा । इसलिये कि जब दिल में दुनिया की हिर्स पैदा हो गई और किसी को अपने से आगे बढ़ता हुआ देख लिया तो फिर यह मुम्किन नहीं है कि "हसद" पैदा न हो। क्योंकि "दुनिया की हिर्स" का लाज़मी ख़स्सा यह है कि उस से "हसद" पैदा होगा कि यह मुझ से आगे बढ़ गया, और मैं पीछे रह गया । और फिर "हसद" के नतीजे में "बुग्ज़" "इख़्तिलाफ़" "अदावतें और दुश्मनियां" पैदा होंगी। आज समाज के अन्दर देख लें कि ये सब चीजें किस तरह समाज के अन्दर फैली हुई हैं। और जब यह दौड़ लगी हुई है कि मुझे दूसरों से आगे बढ़ना है तो इसके नतीजे में लाज़मी तौर पर इन्सान के अन्दर यह बात पैदा होगी कि वह हलाल व हराम की फिक्र छोड़ देगा । इसलिये कि जब उसने तय कर लिया कि मुझे यह चीज़ हर कीमत पर हासिल करनी है, तो अब वह चीज़ चाहे हलाल तरीके से हासिल हो या हराम तरीके से हासिल हो । उसको इसकी कोई परवाह नहीं होगी। चुनांचे उसके हासिल करने के लिए फिर वह रिश्वत भी लेगा, धोखेबाज़ी वह करेगा, मिलावट भी करेगा, सारे बुरे काम वह करेगा । इसलिये कि उसको तो फलां चीज़ हासिल करनी है। यह सब "कनाअत" इख़्तियार न करने का नतीजा है। इसलिये हुज़ूर नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया कि "कनाअत" इख़्तियार करो और अपने से नीचे वाले को देखो। हिर्स और हसद का एक इलाज एक और हदीस में इस बात को दूसरे अल्फाज़ में बयान फ़रमाया किः "اذا نظر احدكم الى من فضل عليه في المال والخلق فلينظر الى من هو أسفل منه ممن فضل عليه" पिछली हदीस में तो यह बयान फरमाया था कि अपने से ऊंचे आदमी की तरफ मत देखो, यानी बाकायदा सोच विचार करके उसकी तरफ नज़र मत करो। लेकिन ज़ाहिर है कि जब इन्सान इस दुनिया के अन्दर रह रहा है तो ऐसा नहीं हो सकता कि अपने से ज़्यादा दौलत मन्द पर नज़र ही न पड़े, बल्कि उसके साथ उठना बैठना भी होगा, उसको देखेगा भी, उसके साथ मेल मिलाप भी होगा । इसलिये जब कभी ऐसा हो कि तुम ऐसे शख़्स को देखो जो तुम से माल में ज़्यादा है, या जिस्म की बनावट में ज़्यादा हो। जैसे वह खूबसूरत है, ज्यादा ताकतवर है, तुम से ज्यादा तन्दुरुस्त है। उस वक़्त तुम फ़ौरन ऐसे शख़्स को देखो और उसका तसव्वुर करो जो तुम से माल व दौलत में और राहत व आराम में और जिस्म की खूबसूरती और तन्दुरुस्ती में तुम से कमतर हो, ताकि पहले वाले शख़्स को देख कर तुम्हारे दिजो हसरत पैदा हुई है वह हसरत किसी वक़्त हिर्स और हसद में तब्दील हो सकती है। इसलिये दिल
कर वह तो प्रेमी के अपने हृदय मे से स्वयं ही ऐसे प्रकट हो जाता है जैसे सूर्य का उदय होने पर कमल खिल उठता है या चन्द्रमा को देखकर चन्द्रकान्त' मणि द्रवित होकर जल टपकाने लगती है। यह भी संभव है कि प्रेम भाजन प्रेमी के प्रेम का कुछ भी प्रतिदान न करे या उलटे उसका तिरस्कार' ही कर दे और तो भी प्रेमी का प्रेम शिथिल न पड़े । । भवभूति ने प्रेमभाजन को बैंक में, या भूमि में दबाकर धरे उस धन के समान कहा है जो किसी उपयोग मे न आता हुआ भी आनन्द का कारण बनता है । कभी कभी यह प्रेम आँख से आँख मिलने पर प्रथम दर्शन मे ही उत्पन्न हो जाता है और अनेक अनुकूल तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में से निकलता हुआ चरम उत्कर्ष तक पहुँच जाता है किन्तु कभी आँखो से ओझल होते ही वह काफूर भी हो जाता है । इस विविधता का कारण प्रेमी का हृदय ही है । यदि उसके स्वभाव मे स्थिरता है तब तो किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति उत्पन्न हुआ उसका आकर्षण लोभ या वासना के निम्न स्तर से उठ कर स्नेह और प्रेम के उस दर्जे तक पहुँच जाता है जिसका वर्णन भवभूति ने श्री राम के मुख से इस प्रकार करवाया है"यह हमारी एकान्त कामना है कि हमारा तथा सीता देवी का यह दाम्पत्य सम्बन्ध अविच्छिन्न चलता रहे जो सुख तथा दुख मे बदलता नही, जो जीवन के सब उतार चढ़ावो मे समान बना रहता है, जिसकी छाया मे पहुँचकर ४. अहेतु पक्षपातो यस्तस्य नास्ति प्रतिक्रिया । स हि स्नेहात्मकस्तन्तुरन्तर्भूतानि सीव्यति ।। उत्तर० रा० च० अक ५ श्लोक १७ १. व्यतिषजति पदार्थानान्तरः कोपि हेतुर्न खलुवहिरूपाधीन् प्रीतय. सश्रयन्ते । विकसति हिपत गस्योदये पुण्डरीक द्रवति च हिमरश्मवुद्गते चन्द्रकान्तः ॥ उत्तर राम० अक ६ श्लोक १२ २. ( क ) कुर्वन्नपि व्यलीकानि यः प्रियः प्रिय एव सः । अनेकदोषदुष्टोऽपि काय कस्य न वल्लभः ॥ ( ख ) So true a fool is love, that in your will, Though you do any thing, he thinks no ill. शेक्सपीयर, गो० ट्रे० १० ७ ३. न किचिदपि कुर्वाण. सौख्यंदु.खान्यपोहति । तत्तस्य किमपि द्रव्य यो हि यस्य प्रियोजन ।। उत्तर रामचरित० अक ६ श्लोक ५
जो हक़ से टकराएगा हक़ बहरहाल उसे पछाड़ देगा। - हज़रत अली (अ स) अंतराष्ट्रीय कुद्स दिवस पवित्र रमजान महीने के अंतिम शुक्रवार को होता है जिस को मनाने का उद्दश्य फिलिस्तीन और मस्जिद ए अक्सा की आजादी और फिलिस्तीनियों पर इजराइल के अत्याचार का विरोध करना और फिलिस्तीन को अपना समर्थन देने के लिए दुनिया भर के मुसलमान 'अंतराष्ट्रीय कुद्स दिवस' मनाते हैं जिस की नीव ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय "विद्वान् खुमैनी" ने 13 रमजान 1399 हिजरी (सन 1979) को फिलिस्तीनी जनता के समर्थन के लिए रखी थी । इस दिन शुक्रवार(जुमा) की नमाज़ (प्रार्थना) से पहले फिलिस्तीन पर कब्जा और उसकी जनता पर इजराइल के अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं , और अंत में शुक्रवार(जुमा) की नमाज़ को अदा करते हैं। कुछ देशों में शुक्रवार को पुलिस (प्रशासन) की रक्षा कारणों से अनुमति न मिलने के कारण किसी दूसरे दिन यह प्रदर्शन कर किये जाते हैं कुछ स्थानों पर प्रदर्शन के बजाय सिर्फ सभा या सेमीनार किये जाते हैं अंतराष्ट्रीय कुद्स दिवस इस्लामी और गैर इस्लामी देशों में प्रदर्शन किये जाते हैं। बैतुल मुकद्दस मुसलमानों का पहला किबला था। जो फिलिस्तीन में मौजूद है। इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार यह पवित्र स्थान दुनिया में स्वर्ग के चार महलों में से एक है। मस्जिद ए हराम (काबा) मस्जिदे कूफा है। इस्लाम सदैव अत्याचार का विरोध करने की शिक्षा देता है इसी लिए आज के समय में अंतराष्ट्रीय कुद्स दिवस का उदश्य केवल फिलिस्तीन और मस्जिद ए अक्सा की आजादी नही रहा है बल्कि जिस देश में भी अत्याचारी शासक हैं या जहाँ पर भी कोई अत्याचार हो रहा हो उस के खिलाफ आवाज़ उठाई जाती है भले ही अत्याचार किसी मुस्लमान पर हो या किसी ग़ैर मुस्लमान के साथ उसका विरोध किया जाता है। अंतराष्ट्रीय कुद्स दिवस भारत के अलग अलग हिस्सों में भी मनाया जाता है जिस में केवल मुस्लमान ही नही बल्कि दुसरे धर्मों के लोग भी एकत्रित होकर अत्याचार के विरोध में पर्दशन व आन्दोलन करते हैं।
असम में गौहाटी विश्वविद्यालय UG और PG परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएगी। यह फैसला गौहाटी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने किया है। गौहाटी विश्वविद्यालय के यूजी (स्नातक) और पीजी (स्नातकोत्तर) परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय सभी हितधारकों के विचार-विमर्श के बाद संस्करण अधिकारियों द्वारा लिया गया था। कोरोना के कारण राज्य में हालात बहुत ही ज्यादा गंभीर बने हुए हैं। गौहाटी विश्वविद्यालय यूजी और पीजी परीक्षा असम में कोविड-19 की बिगड़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। गौहाटी विश्वविद्यालय की यूजी और पीजी परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय एक अहम बैठक के बाद लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता गौहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रताप ज्योति हांडिक ने की है। बैठक में गौहाटी विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, असम कॉलेज प्राचार्य परिषद, शिक्षक संघ के महासचिव और गौहाटी विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों के सभी प्रमुख, विश्वविद्यालय लॉ कॉलेज के प्राचार्य शामिल रहे। गौहाटी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एक बयान में कहा कि "इस मामले पर चर्चा के बाद और मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैठक ने फैसला किया कि सभी लंबित परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में ही ओपन बुक सिस्टम में आयोजित की जाएंगी। " पीजी की परीक्षाएं 1 जून से शुरू होंगी और 15 जून तक खत्म हो जाएंगी। दूसरी ओर, यूजी परीक्षा जून के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी। इसके अलावा, इस प्रणाली को कारगर बनाने और परीक्षा नियंत्रक को आवश्यक सुझाव देने के लिए एक समिति भी गठित की गई है।
१५-चरैवेति चरैवेति वरुण ने कहा - अच्छा । उसके दाँत निकल आये । तब वरुण फिर आ पहुँचा - श्रव तो दाँत निकल आये, अत्र लाओ। हरिश्चन्द्र ने कहा- अभी निरा पशु हैं, जब दूध के दाँत गिर जायेंगे, तव यज्ञीय होगा । दाँत गिर जाने दो, तब यजन करूँगा । वरुण ने कहा- अच्छा । उसके दूध के दाँत भी गिर गये । वरुण ने फिर माँगा - अव के भी ढाँत गिर गये, लाओ । तो दूध हरिश्चन्द्र ने कहा - जब नये ढाँत निकल आते हैं, तब मेध्य होता है। जरा नये दाँत जम ने दो, फिर यजन करूँगा । वरुण ने कहा - अच्छा । । उसके नये दाँत भी जम आये । वरुण ने फिर टोका-नये दाँत भी निकल आये, अव लाओ । हरिश्चन्द्र ने कहा -- यह क्षत्रिय का बालक है । क्षत्रिय-पुत्र जब कवच धारण करने लगता है, तब किसी काम के योग्य (मेध्य या यज्ञीय) होता है । वस कवच पहनने लगे, तो तुम्हारे लिए इसका यजन करहूँ । वरुन ने कहा- अच्छा । वह कवच भी धारण करने लगा। तब वरुण ने हरिश्चन्द्र को छेका -अव तो कवच भी पहनने लगा, अत्र यजन करो । हरिश्चन्द्र ने कहा- अच्छी बात है, कल आना । उसने रातोंरात पुत्र से सलाह की और उसे जगल में भगा दिया। दूसरे दिन जब वरुण पहुँचा, तो वह दिया - वह तो कहीं भाग गया। अब वरुण के उम्र नियमो ने हरिश्चन्द्र को पकड़ा । उसके जलोदर हो गया । रोहित ने जङ्गल में पिता के कष्ट का समाचार सुना। वह वहाँ से वस्ती की ओर लौटा । तब इन्द्र पुरुष का वेष बना कर उसके सामने आया और निम्न लिखित गीत का एक-एक श्लोक एक-एक वर्ष बाद उसे सुनाता रहा । इस प्रकार पाँच वर्षों में यह सचरण-गीत पूरा हुआ और पाँच वर्षों तक रोहित अरण्य मे घूमता रहा । गीत इस प्रकार है-(१) चरैवेति चरैवेति नानाश्रान्ताय श्रीरस्ति इति रोहित शुश्रुम । पापो नृषद्वरो जन इन्द्र इच्चरतः सखा ।। चरैवेति, चरैवेति । हे रोहित, सुनते हैं कि श्रम से जो नहीं थका, ऐसे पुरुष को लक्ष्मी नहीं मिलती। बैठे हुए आदमी को पाप धर दबाता है । इन्द्र उसी का मित्र है, जो वराबर चलता रहता है। इसलिए चलते रहो, चलते रहो । पुष्पिण्यौ चरतो जंघे भूष्णुरात्मा फलग्रहिः । शेरेऽस्य सर्वे पाप्मानः श्रमेण प्रपथे हताः ॥ चरैवेति, चरैवेति । जो पुरुष चलता रहता है, उसकी जाँघो में फूल फूलते हैं, उसकी श्रात्मा भूषित होकर फल प्राप्त करती है । चलने वाले के पाप थक कर सोये रहते हैं। इसलिए चलते रहो, चलने रहो । १५ ~ चरैवेति चरैवेति आस्ते भग आसीनस्य ऊर्ध्वस्तिष्ठति तिष्ठतः । शेते निषद्यमानस्य चराति चरतो भगः ॥ चरैवेति चरैवेति । बैठे हुए का सौभाग्य बैठा रहता है, खड़े होने वाले का सौभाग्य खडा हो जाता है, पड़े रहने वाले का सौभाग्य सोता रहता है और उठकर चलने वाले का सौभाग्य चल पड़ता है। इसलिए चलते रहो, चलते रहो । कलिः शयानो भवति संजिहानस्तु द्वापर । उत्तिष्ठंत्रेता भवति कृतं सम्पद्यते चरन् ।। चरैवेति, चरैवेति । सोने वाले का नाम कलि है, अगड़ाई लेने वाला द्वापर है, उठकर खड़ा होने वाला त्रेता है और चलने वाला सत-युगी है । इसलिए चलते रहो, चलते रहो । चरन् वै मधु विन्दति चरन् स्वादुमुदुम्बरम् । सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते चरन् ।। चरैवेति, चरैवेति । चलता हुआ मनुष्य ही मधु पाता है, चलता हुआ ही स्वादिष्ट फल चखता है, सूर्य का परिश्रम देखो, जो नित्य चलता हुआ कभी आलस्य नहीं करता। इसलिए चलते रहो, चलते रहो । इस सुन्दर गीत में इन्द्र ने रोहित को सदा चलते रहने की शिक्षा दी है। इन्द्र को यह शिक्षा किसी ब्रह्मवेत्ता ब्राह्मण से मिली थी । गीत का वास्तविक अभिप्राय आध्यात्मिक है । चलते रहोउरु-ज्योति चलते रहो, क्योंकि चलने का नाम ही जीवन है । ठहरा हुआ पानी सड जाता है, बैठा हुआ मनुष्य पापी होता है। बहने हुए पानी में जिन्दगी रहती है, वही वायु और सूर्य के प्राण - भण्डार में से प्रारण को अपनाता है। पड़ाव डालने का नाम जिन्दगी नहीं है । जीवन के रास्ते में थक कर सो जाना, या आलसी वन कर बसेरा ले लेना मूर्च्छा है । जागने का नाम जीवन है । जागृति ही गति है । निद्रा मृत्यु है । अध्यात्म के मार्ग में बरावर आगे कदम बढ़ाते रहो, सदा कानो में 'चलते रहो, चलते रहो' की ही ध्वनि गूँजती रहे । वह देखो अनन्त को पार करता हुआ और अपरिमित लोको का भ्रमण करता हुआ सूर्य प्रात काल श्राकर हम में से प्रत्येक के जीवन-द्वार पर यही अलख जागता है. 'चलते रहो, चलते रहो' इन्द्र तो चलने वालो का ही सखा है । ( इन्द्र इञ्चरतः सखां) उनका ही स्वयंवर करती है, जो मार्ग में चल रहे हों, एक पद के बाद दूसरा पद शीघ्र उठाते हुए अध्यात्म के अनन्त पथ को चीरते चले जाते हैं। उपनिषदों में कहा भी हैनायमात्मा बलहीनेन लभ्यः अथवान च प्रमादात् तपसो वाप्यलिङ्गात् । जिसके सकल्प मजबूत नहीं हैं, जो प्रमादी और मिथ्याचारी है, उसे आत्मदर्शन नहीं हो सकता । ईश्वर उनकी सहायता करता है, जो स्वयं सहायता करने हैं। कमर कस कर खड़े हो जाने वालों का ही इन्द्र मित्र है। जो वेग से रास्ते को पार करते चले जाते १ देखो प० १०६ गीता १ । १५ - चरैवेति चरैवेति हैं, जो पैर उठाकर पश्चात्पढ होना नहीं जानते, जो सोते-जागते सदा जागरूक बने हुए हैं, वे ही सञ्चे पथिक हैं। उन्होंने समार के आतिथ्य धर्म को ठीक समझ लिया है। आत्मा इस देह में एक अतिथि है ! 'अति सन्तत गच्छति इति अतिथि' 'अत सातत्यगमने' धातु 'इथिन' प्रत्यय लगाकर अतिथि वनता है । 'अतति सन्तत गच्छति इति आत्मा' उसी 'श्रत सातत्यगमने' धातु से मनिन् प्रत्यय लगाकर आत्मा वनता है। यही सूत्र सदा स्मरणीय हैअतिथिरात्मा । आत्मा ही क्षेत्रपति शम्भु है। इस शरीर की सज्ञा क्षेत्र है । आत्मा क्षेत्रज्ञ या क्षेत्रपति है। हम नित्य के शान्तिपाठ में कहते हैं. शन्नः क्षेत्रस्य पतिरस्तु शम्भुंः । हमारे क्षेत्रपति आत्मा का अहरह कल्याण हो, वह सतत स्वस्तिमान् हो। इसी मारिन को संवोधन करके कहा जाता हैसामधामि दुवस्यत घृतैर्वोयतातिथिम् । से इस अग्नि की उपासना करो और घृत की धाराओं से उस अतिथि को जगाओ। ब्रह्मचर्यकाल या आयु का वसन्तकाल घृत की धाराएँ है, इसी समय रसों का परिपाक होता है । यौवन या ग्रीष्म ही समिधाएँ या ईंधन है। कहा भी हैवसन्तो अस्यासीद्वाज्यं ग्रीष्म इध्मः शरदविः । अतिथि आत्मा का हित चलते रहने में है। घर बनाकर डेरा डालना उसके स्वभाव के प्रतिकूल है । भोग और विषय दुर्गन्ध से भरे हुए हैं। उनके मध्य में तृप्ति मान लेने वाले को असली माधुर्य का पता ही नहीं लगा। सम्र विद्याओ से वडी मधुविद्या है। आत्मज्ञान या अध्यात्मविद्या का ही नाम मधुविद्या है, जिसे इन्द्र ने यह २ यजुः ३ । १ ॥ को सिखाया था । यही परम मधु है । इस रस के बराबर और किसी रस में मिठास नही है। आत्मा रस-स्वरूप ही हैरसो वै संः । एक बार जो इस मधु का स्वाद पा जाते हैं, वे पुन दूसरे माधुर्य की चाहना नहीं करते। यह मधु चलते रहने से ही मिल सकता हैचरन्वै मधु विन्दति । अध्यात्म मार्ग के दृढ़ पथिक ही इस मधु को चखते हैं, वे ही ऐसे सुपर्ण हैं, जो ससार रूपी अश्वत्थ वृक्ष के स्वादु या मधुर फल को खाने योग्य (मध्वद) होते हैं । १ तैत्ति ० उ० ब्रह्मा० ७ । २ द्र० पू० १०७, गीत ५ । १६ - शुनःशेप के अश्वमेधपर्वान्तर्गत कृष्ण युधिष्ठिर सवाद में मृत्यु और मृत्यु का यह लक्षण किया गया है-सर्व जिहां मृत्युपदमार्जर्व ब्रह्मणः पदम् । एतावाञ्ज्ञानविषयः किं प्रलापः करिष्यति ॥ अर्थात् - कुटिल जीवन का नाम मृत्यु और ऋजु जीवन ब्रह्मपद किंवा मोक्ष का मार्ग है । ज्ञान का सार इतना ही हैं। कुटिलता अमृत और सरलता ऋतका पन्थ है । लोक-लोकान्तरो में ऋत का अन्तर्यामी सूत्र पिरोया हुआ है, समस्त चराचर उसी ऋत या आर्जव - युक्त मार्ग से गतिशील हो रहे हैं। ग्रह, उपग्रह, सूर्य, नक्षत्र सव ऋत के अनुगामी हैं। वही उनका प्रकृति विहित सचरण मार्ग है ऋत= Right path Orbit विराट् जगत् की दिव्य शक्तियाँ या देव ऋत के निर्धारित मार्ग से अपने-अपने कर्मों में प्रवृत्त रहते हैं । इसीलिए ऋषियों ने देवों का लक्षरण किया हैसयसंहिता वै देवाः । अनृतसंहिता मनुष्याः ।
Salman Khan द्वारा निर्मित नयी फिल्म Loveratri के अभिनेता और अभिनेत्री पर हाल ही में गुजरात पुलिस ने जुर्माना लगाया. पुलिस ने यह जुर्माना इन दोनों पर वड़ोदरा में बिना हेलमेट पहने स्कूटर चलाने के लिए लगाया. मगर गुजरात पुलिस का यह चालान मात्र 100 रूपए का था. ये वाकया 13 अगस्त 2018 को गुजरात के वड़ोदरा शहर में पेश आया जहाँ इसका मूवी का ज्यादातर हिस्सा फिल्माया गया है. अपनी नयी फिल्म का प्रचार करने के लिए Aayush Sharma (जो सलमान खान के जीजा हैं) और Warina Hussain - जो 5 अक्टूबर 2018 को रिलीज़ होने वाली फिल्म में नायक और नायिका की भूमिका में है - ने हवाई-अड्डे से लेकर सुरसागर नदी तक Honda Activa स्कूटर पर सवारी की. उन्होंने इस दौरान हेलमेट नहीं पहने जिस वजह से पुलिस ने उनके खिलाफ कार्यवाई की. यात्रा के दौरान तो इन दोनों ही अभिनेताओं के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुई पर बाद में जब सोशल मीडिया पर इनके फोटो वायरल हुए तो लोगों ने इनके खिलाफ शिकायत दर्ज की. इसके बाद गुजरात पुलिस ने इन अभिनेताओं के खिलाफ कार्यवाई की और दोनों पर जुर्माना लगाया. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी सेलेब को ट्रैफिक पुलिस ने नियम तोड़ने के लिए आड़े हाथों लिया हो. अभिनेता Varun Dhawan पर मुंबई पुलिस ने जुर्माना लगाया था. वे अपनी कार की विंडो से सर बाहर निकाल कर एक प्रशंसक के साथ सेल्फी ले रहे थे. जुर्माने के साथ ही उन्होंने अभिनेता को चेतावनी भी दी की अगर वे ऐसा फिर करते पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई होगी. Dhawan ने अपने किये की माफ़ी मांगी और कहा की वह अपने प्रशंसक को दुखी करना नहीं चाहते थे. मुंबई पुलिस ने मार्च 2018 में फिर से एक फिल्म-स्टार को निशाना बनाया. एक बॉलीवुड चैनल ने अभिनेता Kunal Khemu को बिना हेलमेट के Ducati Monster चलाते देखा. बाद में इस अभिनेता ने अपने किये की माफ़ी मांगी. दो दिन बाद जब सोशल मीडिया पर यह फोटो वायरल हुए तो मुंबई पुलिस ने Kunal Khemu पर 500 रूपए का जुर्माना ठोक दिया.
महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 9 और 10 की आंतरिक परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर महाराष्ट्र कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा रिजल्ट 2021 घोषित करने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 9 और 10 की आंतरिक परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर महाराष्ट्र कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा रिजल्ट 2021 घोषित करने का निर्णय लिया है। रिजल्ट जून के अंत तक घोषित किए जा सकते हैं। जो छात्र आंतरिक मूल्यांकन पद्धति के माध्यम से आवंटित अंकों से खुश नहीं हैं, वे बाद में एक सामान्य परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं, जिसके आधार पर कक्षा 11 में प्रवेश किया जाएगा। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि कक्षा 10 वीं के लिए बोर्ड परीक्षा परिणाम कक्षा 9 वीं और 10 वीं (आंतरिक अंक) में आयोजित परीक्षाओं पर आधारित होगा। हम जून के अंत तक परिणाम घोषित करने की कोशिश करेंगे। उसने कहा कि जो लोग अपने परिणामों से संतुष्ट नहीं हैं वे बाद में सीईटी परीक्षा लिख सकते हैं। महाराष्ट्र ने राज्य में कोविड -19 मामलों में भारी वृद्धि के कारण मई में पहले कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को भी बिना किसी परीक्षा के पदोन्नत कर दिया गया है। पहले के एक निर्णय के अनुसार राज्य में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा मई के अंत में होनी थी, लेकिन अब उन्हें स्थगित कर दिया गया है। 24 मई को, यह घोषणा की गई थी कि एक सप्ताह के समय में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बैराड़। शिक्षा विभाग द्वारा ली जाने वाली हाई स्कूल हायर सेकेंडरी परीक्षा केंद्र गोवर्धन पर क्षेत्र के एक विवादित नकल माफिया के विद्यालय का परीक्षा केंद्र होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सांठ - गांठ कर माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड परीक्षा में ऑनलाइन लगाई गई पर्यवेक्षकों की ड्यूटी निरस्त करा कर नकल माफिया की मर्जी के अनुरूप शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर माफिया को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। गोवर्धन परीक्षा केंद्र के लिए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पोहरी द्वारा अपने हस्ताक्षरों से 21 पर्यवेक्षकों की जारी सूची में 2 शिक्षक दशरथ धाकड़ एवं जितेंद्र दिवाकर जो गत वर्ष की बोर्ड परीक्षा में नकल कराते पकड़े गए थे, जिन्हें संयुक्त संचालक द्वारा अपने निरीक्षण के दौरान उपसंचालक शिवपुरी से निलंबित कराया गया। फिर भी इन ब्लैक लिस्टेड शिक्षकों की ड्यूटी लगाना कहां तक उचित है। उक्त सांठगांठ में परीक्षा केंद्र अध्यक्ष से नाम मात्र का शिक्षकों की कमी होने का पत्र लिखवा कर अपने चहेते शिक्षकों की ड्यूटी लगवाई गई है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने कुछ शिक्षक एवं महिला शिक्षकः जिन की दूसरे केंद्रों पर बैराड़ में ड्यूटी है फिर भी उन्हें गोवर्धन में बाबू या रिलीवर बना रखा है इससे प्रतीत होता है कि 21 शिक्षकों को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पोहरी ने बदल दिया है और गोवर्धन के 420 छात्रों को 21 शिक्षकों की व्यवस्था कर दी है इतना बड़ा बदलाव जिला शिक्षा अधिकारी की हरी झंडी के बिना नहीं हो सकता इससे प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग में माफिया ने सेटिंग कर उक्त कार्य कराया है या फिर शिक्षा माफिया शिक्षा विभाग पर हावी हो गया है। हाईस्कूल परीक्षा केंद्र गोवर्धन पर बैराड़ में नकल के लिए चर्चित लॉर्ड लखेश्वर विद्यालय के संचालक को साठगांठ के कारण शिक्षा विभाग उसकी मन माफिक व्यवस्थाएं कर लाभ पहुंचाना चाहता है। जबकि उक्त विद्यालय के संचालक रघु्वीर धाकड़ पर 420 एवं अन्य धाराओं के केस रजिस्टर्ड होने पर भी परीक्षा संचालित करते फिर रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि प्रशासनिक एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी माफिया के प्रति नतमस्तक हैं या सांठगांठ पूर्वक कार्य हो रहा है।
: यूपी के शिकोहाबाद की घटना : जनपद फिरोजाबाद के पत्रकारों को उस समय शर्मसार होना पड़ा जब जिला आबकारी अधिकारी बी. एन. मिश्रा ने सचल दल के साथ शिकोहाबाद के घिहार कालोनी स्थित पत्रकार दिनेश बैजल के घर पर छापा मार कर अवैध शराब का जखीरा पकड़ा. मौके पर पत्रकार का भाई पकड़ा गया जिसकी धुनाई सरकारी कर्मियों ने शुरू कर दी. जिला आबकारी अधिकारी ने कवरेज के लिए अमर उजाला समेत कई अखबारों के ब्यूरो चीफों को फोन किया. थोड़ी ही देर में अमर उजाला की तरफ से कवरेज के लिए पत्रकार दिनेश बैजल पहुंचे तो उन्होंने अपने भाई को पिटते देख तुरंत कहा कि ये मेरे भाई हैं, इन्हें छोड़ दिया जाए. यह सुन सरकारी कर्मी अवाक रह गए. बात जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक तक पहुंच गई. कई सारे विभागों के लोग एकत्र हो गए. सरकारी अफसरों और कर्मियों ने पहले आरोपियों को कोतवाली में बन्द कराने की तैयारी की थी लेकिन मामला पत्रकार के भाई का निकलने और पत्रकार द्वारा गुहार लगाने पर आबकारी अधिकारी ने आरोपी को पीट-पाट और लानत-मलानत करने के बाद छोड़ दिया. लोगों का यह भी कहना है कि देह के अवैध धंधे का संचालन भी पत्रकार के भाई के ही संरक्षण में होता है. देह की धंधे में लिप्तत सरगना अनारकली के बारे में बताया जा रहा है कि वह छापा पड़ने से पहले ही भाग गयी. पत्रकार का भाई भले छूट गया लेकिन उसने अपने बदले तीन गुर्गे पेश कर दिए. ऐसा इसलिए क्योंकि बरामद माल के साथ किसी ना किसी का तो चालान करना था. इस कारण पत्रकार साहब और उनके आरोपी भाई ने पकड़े माल के साथ चालान करने के लिए आबकारी पुलिस को तीन गुर्गे पेश कर दिए. कहा जाता है कि शिकोहाबाद में इन महाशय के संरक्षण में फल फूल रहे इस धन्धे से कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. इस घटना के बाद समाज में हो रही चर्चा से पत्रकारिता जगत को काफी शर्मसार होना पड़ रहा है. इस सूचना के साथ जिला आबकारी अधिकारी और एक पत्रकार के बीच बातचीत की आडियो क्लिपिंग है जिससे घटना के बारे में सब कुछ पता चल जाएगा.
पटना में बीएसएससी के अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज को पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अलोकतांत्रिक और निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों की वाजिब मांग सुनने-मानने के बजाय बिहार की पुलिस से लाठी चलवा रही है। राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बुधवार को पटना में बीएसएससी के अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज को अलोकतांत्रिक और निंदनीय बताया है। उन्होंने ने कहा कि सरकार अभ्यर्थियों की वाजिब मांग सुनने- मानने के बजाय लाठी चलवा कर उनका दमन करना चाहती है। 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का झांसा देने वाली सरकार प्रदेश के युवाओं का दमन कर अपना चेहरा बचना चाहती है। प्रसाद ने कहा है कि एक भी प्रतियोगी परीक्षा कदाचाररहित, पारदर्शी तरीके से कराने में विफल रही सरकार प्रदेश के 88 लाख से ज्यादा शिक्षित बेरोजगारों के सपने को रौंद रही है। नकल माफिया और हर परीक्षा में सेटिंग कराने वाले दलालों को सरकार का संरक्षण हासिल है। इसीलिए बिहार में बीपीएससी से लेकर बीएसएससी तक के पर्चे लीक होते हैं और सरकार करवाई के नाम पर लीपापोती कर मामले को दबा देती है। उन्होंने कहा कि जब बीएसएससी की 23 और 24 दिसम्बर, 2022 को हुई तीन पालियों में से दो के पर्चे लीक हुए तो फिर एक ही पर्चा को क्यों रद्द किया गया? पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग पर लाठी चलवाने वाली सरकार क्या सेटरों और परीक्षा दलालों का मनोबल नहीं बढ़ा रही है? जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से पूछा है-कहां नहीं होती है लाठी चार्ज की घटना? वे बुधवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उनसे विपक्ष के नेता के इस आरोप पर प्रश्न पूछा गया था कि छात्रों पर लाठियां चली हैं। राज्य में जंगलराज की वापसी हो गई है। ललन सिंह ने कहा-मुझे नहीं पता कि कहां लाठी चार्ज की घटना हुई है। लेकिन, सिन्हा बताएं कि राज्य में या देश में लाठी चार्ज की पहली घटना हुई है। सिंह ने कहा कि विजय सिन्हा के नाम और पदनाम के साथ नेता शब्द जुड़ा हुआ है। इसलिए कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सबको है। लेकिन, यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि उससे कानून व्यवस्था प्रभावित नहीं हो। व्यवस्था बनाए रखने के लिए कभी-कभी बल प्रयोग करना पड़ता है।
क्या कांग्रेस में है,वरुण गांधी के लिए बेहतर संभावना? नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले सियासी हलचलों का दौर शुरू हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है।गौरतलब है कि वरुण गांधी को लेकर अफवाहों का बाजार इसलिए भी गर्म है क्योंकि गांधी परिवार से एक और शख्स यानी प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण हुआ है. साथ ही पिछले कुछ समय से बीजेपी में भी वरुण गांधी काफी अलग-थलग चल रहे हैं. ऐसी खबरें हैं कि वरुण गांधी को बीजेपी में तरजीह नहीं दी जा रही है. इसकी बानगी पिछले साल विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला क्योंकि उन्होंने बीजेपी के लिए ताबड़तोड़ रैलियां भी नहीं की. वरुण गांधी की सक्रियता से बीजेपी नाखुश? देश के नंबर एक राजनीतिक परिवार से आया 40 साल से कम उम्र का एक राजनेता सिर्फ सुल्तानपुर का सांसद बनकर खुश रहे, यह बात भी कुछ कम अटपटी नहीं। जैसे संकेत मिल रहे हैं, उनके मुताबिक बीजेपी की ओर से उन्हें सुल्तानपुर का लोकसभा टिकट मिलना भी तय नहीं है। इस आशंका का एक पहलू बतौर सक्रिय बुद्धिजीवी और स्तंभकार वरुण गांधी की भूमिका से जुड़ा है, जिसे लेकर पार्टी कतई संतुष्ट नहीं है। एक बात तय है कि वरुण गांधी अपने घोषित स्टैंड के मुताबिक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोलते तो बीजेपी के लिए उनकी कोई उपयोगिता नहीं है। वे दिन कब के जा चुके जब पार्टी के भीतरी दायरों में उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित चार-पांच नामों में गिना जाता था। अभी तो वे सांसदों की वेतन वृद्धि के खिलाफ बयान देते हैं तो उनकी ही पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी इसे गांधी-नेहरू परिवार के 'अनाप-शनाप पैसे' से जोड़ देती हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान समय में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से अपनी जड़े मजबूत करना चाहती है उसके लिए उसे कोई युवा संघर्षशील चेहरा चाहिए जो अगर गांधी परिवार से संबंध रखता हूं तो और भी बेहतर होगा कांग्रेस पार्टी के लिए इसी संभावना के साथ यह भी देखा जा रहा है कि अगर वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल होते हैं,तो आने वाले भविष्य में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख चेहरा होंगे!
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर सबरीना सिद्दीक़ी ने उनसे भारत में मानवाधिकार के मुद्दों को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद हिंदुत्ववादी समूहों और भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा उन पर ऑनलाइन हमले शुरू हो गए थे. ह्वाइट हाउस कोरेस्पॉन्डेंट्स एसोसिएशन ने इसकी निंदा की है. आरटीआई क़ानून के तहत दी गई जानकारी में रेलवे ने कहा है कि एक जून तक 'लेवल-1' या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित 'ग्रुप-सी' श्रेणी में 2,74,580 पद ख़ाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं. महाराष्ट्र के ठाणे जिले का मामला. मीरा रोड पर एक निजी कॉलोनी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए दो बकरियां अपने फ्लैट में रखी थी. कॉलोनी के कुछ लोगों ने कथित तौर पर इसका विरोध कर उनके साथ मारपीट की. पुलिस ने 11 लोगों के ख़िलाफ़ दंगा और छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज किया है. छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. टीएस सिंहदेव ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए धन आवंटित नहीं करने का आरोप लगाते हुए जुलाई 2022 में पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक युवक सहित दो लोगों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के पुरोला में तनाव व्याप्त हो गया था. उसके बाद कई मुस्लिम परिवारों ने शहर छोड़ दिया था. अब वापस लौटे परिवारों से कहा गया है कि वे घर के अंदर भी सभा में नमाज़ का आयोजन न करें, इससे शांति भंग हो सकती है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के महंगे शौक अब देश पर भारी पड़ रहे हैं. रफाल डील में जो हुआ, वहीं अब अमेरिका के प्रीडेटर्स ड्रोन्स की ख़रीद में दोहराया जा रहा है. जिस ड्रोन को बाकी मुल्क चार गुना कम कीमत में ख़रीदते हैं, उसी ड्रोन को ख़रीदने पर हम 880 करोड़ प्रति ड्रोन ख़र्च कर रहे हैं. द वायर बुलेटिनः आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट. भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 17 जून को 'राहुल गांधी ख़तरनाक हैं और एक चालाक खेल खेल रहे हैं. . . ' लिखते हुए एनिमेटेड वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें राहुल गांधी के भाषणों का कथित तौर पर मज़ाक उड़ाया गया था. कर्नाटक कांग्रेस नेता रमेश बाबू की शिकायत पर मालवीय के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिए एक भाषण में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत की थी. इस पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कहा है कि वे कई मोर्चों पर उनकी सरकार की विफलता से ध्यान भटकाने के लिए विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रहे हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय ने 29 जून (ईद-उल-जुहा) को कार्य दिवस के रूप में चिह्नित किया है क्योंकि डीयू के शताब्दी समारोह का समापन कार्यक्रम 30 जून को होना है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि हैं. डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने इस क़दम को 'बेहद सांप्रदायिक' बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है. अरावली ज़िले में क़रीब एक सदी पुरानी दरगाह पर ग्राम पंचायत ने चरागाह भूमि का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया था और एक नोटिस जारी कर 28 जून को उसे गिराए जाने की बात कही थी. मणिपुर में हिंसा के बीच सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि उन सभी कर्मचारियों पर 'काम नहीं, वेतन नहीं' नियम लागू किया जा सकता है जो अधिकृत अवकाश के बिना अपनी आधिकारिक ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं. राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में पूरे भारत में सात महिला पत्रकारों सहित कुल 194 पत्रकारों को निशाना बनाया गया, जिनमें सर्वाधिक कश्मीर के थे. कम से कम 103 पत्रकार सरकारों द्वारा निशाना बनाए गए, जबकि 91 राजनीतिक कार्यकर्ताओं समेत गैर-सरकारी तत्वों के निशाने पर रहे. वीडियोः वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश मानते हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय राजनीति में एक नया टर्निंग पॉइंट ज़रूर है लेकिन आम चुनाव अलग तरह से होते हैं, जहां उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्य महत्वपूर्ण भूमिका में रहते हैं. इस बारे में उनका नज़रिया. भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए किसी और देश का नागरिक बनने पर भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करना होता है. विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, 2011 से 2022 के बीच गोवा में सर्वाधिक पासपोर्ट सरेंडर किए गए. इसके बाद पंजाब दूसरे व गुजरात तीसरे स्थान पर रहा.
शेन वॉर्न, ग्लेन मैकग्रॉ और डेमियन मार्टिन के बाद ऑस्ट्रेलिया के एक और खिलाड़ी जस्टिन लैंगर ने टेस्ट क्रिकेट संन्यास लेने की घोषणा की है. जस्टिन लैंगर मौजूदा ऐशेज़ सिरीज़ के पाँचवें टेस्ट के बाद संन्यास ले लेंगे. पाँचवाँ टेस्ट दो जनवरी से शुरू हो रहा है. इसका मतलब ये हुआ कि सिडनी टेस्ट शेन वॉर्न, ग्लेन मैकग्रॉ और जस्टिन लैंगर के लिए आख़िरी टेस्ट मैच होगा. जस्टिन लैंगर ने अभी तक 104 टेस्ट मैच खेले हैं और 45. 26 की औसत से 7,650 रन बनाए हैं. उन्होंने वर्ष 1993 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट जीवन की शुरुआत की थी. जस्टिन लैंगर ने कहा, "पिछले 20 वर्षों के दौरान मेरे जीवन में ऐसा क्षण नहीं होगा जब मैंने टेस्ट क्रिकेट के बारे में ना सोचा हो. मेरे लिए यह फ़ैसला काफ़ी कठिन था. मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलना छोड़ना नहीं चाहता था. " उन्होंने स्वीकार किया कि फ़ैसला कठिन तो था लेकिन उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के कुछ महान खिलाड़ियों के साथ खेला. लैंगर ने कहा, "यह मेरा सौभाग्य था कि मुझे शेन वॉर्न, ग्लेन मैकग्रॉ, एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडेन और रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौक़ा मिला. " लैंगर ने क्रिकेट पर किताबें भी लिखी हैं और क्रिकेट पर कॉलम भी. जब जस्टिन लैंगर ने टेस्ट खेलना शुरू किया था, उस समय वे मध्य क्रम के बल्लेबाज़ थे. लेकिन 2001 के इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने अपने को सलामी बल्लेबाज़ के रूप में ढाला. हालाँकि इस सिरीज़ के आख़िरी टेस्ट के दौरान उन्हें खेलने का मौक़ा मिला. लेकिन उस मौक़े का भरपूर इस्तेमाल करते हुए लैंगर ने शतक लगाया. उसके बाद से ही लैंगर और मैथ्यू हेडेन सलामी बल्लेबाज़ के रूप में खेलते रहे हैं. इन दोनों को टेस्ट क्रिकेट की बेहतरीन जोड़ी माना जाता है. दोनों ने 14 शतकीय साझेदारी की. लैंगर ने अपना सर्वाधिक टेस्ट स्कोर 2002 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मेलबोर्न टेस्ट में बनाया था. उस समय उन्होंने 250 रनों की पारी खेली थी. मौजूदा ऐशेज़ सिरीज़ के पहले टेस्ट में भी लैंगर ने 23वाँ शतक लगाते हुए नाबाद 100 रन बनाए. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने जस्टिन लैंगर की सराहना की और सिडनी के दर्शकों से अपील की कि वे अपने प्रिय खिलाड़ियों वॉर्न, मैकग्रॉ और लैंगर को बेहतरीन विदाई दें.
UP Board 2020: कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में भारत की सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। बिजनेस सेक्टर से लेकर शिक्षा सेक्टर तक हर क्षेत्र आज इस महामारी के चलते प्रभावित है। न जानें कितने राज्यों ने अपनी बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। इसके अलावा शिक्षा के बड़े-बड़े कार्यक्रमों को भी स्थगित कर दिया गया है। लेकिन यूपी बोर्ड की परीक्षाएं समय रहते संपन्न हो गई। छात्र-छात्राओं को अब परीक्षा के परिणामों का इंतजार है। अपना समय व्यर्थ करने की बजाय छात्र-छात्राएं अपने भविष्य के बारे में सोचें। यह समय उत्तम है। यहां हम आपको एक ऐसी फील्ड के बारे में बता रहे हैं जिससे माध्यम से आप प्राइवेट नौकरी के साथ सरकारी नौकरी भी पा सकते हैं। यदि आपको किताबों, पत्र-पत्रिकाओं और नवीनतम सूचनाओं से लगाव है। तो लाइब्रेरी साइंस को आप अपना करियर बना सकते हैं। आजकल लाइब्रेरियों की संख्या में हो रहा इजाफा भी इस करियर विकल्प को बेहतर बना रहा है। बदलते समय के साथ लाइब्रेरी साइंस में डिप्लोमा या डिग्रीधारकों के लिए सरकारी के अलावा निजी लाइब्रेरियों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। लाइब्रेरियन का काम सिर्फ किताबों का रख-रखाव करना ही नहीं होता है। बल्कि अन्य जर्नल्स एवं किताबों की सुरक्षा करना भी उसका दायित्व होता है। लाइब्रेरी की देखभाल और व्यवस्था, बजट तैयार करना, वर्गीकरण व कैटलॉगिंग और नई पुस्तकों आदि के बारे में रिकंमडेशन करना भी इन्हीं के काम में शामिल है। इसके अलावा लाइब्रेरियन को हमेशा किताबों से संबंधित जानकारियों एवं सूचनाओं से भी अपडेट होते रहना चाहिए। ताकि वह लाइब्रेरी की बेहतरी के लिए नए काम कर सके। लाइब्रेरियन टेक्निकल, एडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंस से संबंधित सारी बातों का इंचार्ज होता है। लाइब्रेरियनशिप के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग जरूरी होती है। लाइब्रेरी साइंस में एक वर्षीय बैचलर डिग्री पाठ्यक्रम करने के लिए उम्मीदवार के पास कम से कम स्नातक स्तर की योग्यता होनी चाहिए। इसी तरह एक वर्षीय मास्टर्स डिग्री पाठ्यक्रम भी उपलब्ध है। जिसके लिए अभ्यर्थी के पास लाइब्रेरी साइंस में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। यदि विद्यार्थी इस क्षेत्र में अनुसंधान या टीचिंग जॉब पाना चाहता है, तो वह लाइब्रेरी साइंस में एमफिल या पीएचडी तक का पाठयक्रम करके भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है। लाइब्रेरी साइंस में डिग्री या डिप्लोमा धारकों को सरकारी एवं निजी लाइब्रेरियों के अलावा' गैलरीज, आर्काइव्स, इन्फॉर्मेशन एंड डॉक्यूमेंटेशन सेंटर्स, पब्लिशिंग हाउस आदि में प्लेसमेंट मिल सकती है। इसी तरह उन्हें रिसर्च, कन्सल्टेंट्स कैटलॉगर्स आदि के रूप में कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर जॉब मिलने की संभावना होती है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
[ उत्तराध्ययनसुव २०३. एएसि वण्णओ चेव गन्धमो रसफासओ । संठाणावेसओ वावि विहाणाई सहस्ससो ॥ [२०३] वर्ण, गन्ध, रस, स्पर्श और संस्थान की अपेक्षा से इनके हजारो भेद है । विवेचन - प्रकर्मभूमिक, कर्मभूमिक और अन्तपिक मनुष्य : अकर्मभूमिक -भकर्मभूमि ( - भोगभूमि ) मे उत्पन्न, अर्थात् - यौगलिक मानव । कर्मभूमिक-कर्मभूमि मे अर्थात् भरतादि क्षेत्र मे उत्पन्न । अन्तर्द्वीपक- छप्पन अन्तर्द्वीपो मे उत्पन्न । कर्मभूमिकः पन्द्रह भेद - पाच भरत, पाच ऐरवत और पाच महाविदेह, ये कुल मिला कर १५ कर्मभूमियाँ है, इनमे उत्पन्न होने वाले कर्मभूमिक मनुष्य भी १५ प्रकार के है अकर्मभूमिकः तोस भेद - ५ हैमवत, ५ हैरण्यवत, ५ हरिवर्ष, ५ रम्यकवर्ष, ५ देवकुरु और ५ उत्तरकुरु, ये कुल मिलाकर ३० भेद प्रकर्मभूमि के है। इनमे उत्पन्न होने वाले अकर्मभूमिक भी ३० प्रकार के है । अन्तद्वपकः छप्पन भेद - वैताढ्य पर्वत के पूर्व और पश्चिम के सिर पर जम्बूद्वीप की वेदिका के बाहर दो-दो दाढाएँ विदिशा की ओर निकली हुई है। उनमे से पूर्व की दो दाढों में से एक ईशान की ओर और दूसरी (अग्निकोण) की ओर लम्बी चली जाती है। पश्चिम की दो दाढो मे से एक नैऋत्य की ओर और दूसरी वायव्यकोण की ओर जाती है। उन प्रत्यक दाढा पर जगती के कोट से तीन-तीन सौ योजन आगे जाने पर ३ योजन लम्बे-चौडे कुल चार अन्तद्वीप है । फिर वहाँ से ४००-४०० योजन आगे जाने पर ४ योजन लम्बे-चौडे दूसरे ४ अन्नप आते है । इस प्रकार सौ-सौ योजन आगे क्रमश बढ़ते जाने पर उतने ही योजन के लम्बे और चौड़े, चार-चार अन्तर्द्वीप आते है। इसी प्रकार प्रत्येक दाढा पर ७ ७ अन्त होने से चारा दाढाओ के कुल २८ अन्तर्द्वीप है। उनके नाम क्रम से इस प्रकार है- प्रथम चतुष्क मे चार- (१) एका रुक, (२) प्राभाषिक, (३) वैषाणिक और ( ४ ) लागुलिक । द्वितीय चतुष्क मे चार- ( ५ ) हयकर्ण, (६) गजकर्ण, (७) गोकर्ण और ( ८ ) शष्कुलीकर्ण तृतीय चतुष्क मे चार-- ( ६ ) आदर्शमुख, (१०) मेयमुख, (११) हयमुख और (१२) गजमुख । चतुर्थ चतुष्क मे चार - (१३) अश्वमुख, (१४) हस्तिमुख, (१५) सिंहमुख और (१६) व्याघ्रमुख पचम चतुष्क मे चार- (१७) अश्वकर्ण, ( १८) सहकर्ण, (१६) गजकर्ण और (२०) कर्णप्रावरण, छठे चतुष्क मे चार - (२१) उल्कामुख, (२२) विद्युन्मुख, (२३) जिह्वामुख, (२४) मेघमुख । सप्तम चतुष्क मे चार - (२५) घनदन्त, (२६) गूढदन्त, (२७) श्रेष्ठ और ( २८ ) शुद्धदन्त । इन सब अन्तर्दोपो मे द्वीप के सदृश नाम वाले युगलिया रहते हैं। इसी प्रकार इन्हो नाम वाले शिखरी पर्वत के भी अन्य अट्ठाईस अन्तर्द्वीप है। वे सब पूर्ववर्ती श्रट्ठाईस नामों के सदृश नाम आदि वाले होने से अभद की विवक्षा से पृथक् कथन नहीं किया गया है । अतः सूत्र मे अट्ठाईस भेद ही कहे गए है। कुल मिलाकर ५६ भेद हुए । १. उत्तरा (गुजरातो भाषान्तर ) भा २, पत्र ३६०, २ वही, पत्र ३६०, ३ वही, पत्र ३६०
कैसा रहेगा अप्रैल इन 3 राशियों के लिए ! नवरात्रि 2019 : जानें कब से शुरू हो रही है नवरात्रि और कब है राम नवमी ! शनिवार और रविवार यहां घूम सकते हैं आप ! यह नौकरी है कमाल की ! विश्व मौसम विज्ञान दिवस 2019 : इस साल का थीम- "सूर्य, पृथ्वी और मौसम"
CM Conrad Sangma ने मेघालय में बड़े सियासी घटनाक्रम के संकेत दिए हैं। सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDF) के विलय की घोषणा की गई है। बता दें कि विगत मार्च में विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आए थे। इसके बाद बीजेपी मेघालय में किंगमेकर की भूमिका में उभरी थी। सीएम कॉनराड संगमा की पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिली थीं। दरअसल, मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा एनपीपी प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि पीडीएफ (पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट) शिलांग में इस महीने की 6 तारीख को NPP में शामिल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पीडीएफ नेता एनपीपी के साथ पार्टी के विलय पर राजी हो गए हैं। सभी सदस्य एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) में शामिल हो जाएंगे। इसी के साथ पीडीएफ और एनपीपी का विलय हो जाएगा। गौरतलब है कि मेघालय विधानसभा की 60 सीटों में NPP को 26 सीटें मिली थीं। पीडीएफ को दो सीटें मिलीं। बीजेपी (दो MLA) के सहयोग से बनी कॉनराड संगमा की सरकार में कुछ और दल भी शामिल हैं। विधानसभा क्षेत्रों के लिहाज से पार्टियों का वोट शेयर भी काफी रोचक है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार पीडीएफ को 2023 में 34,974 वोट मिले, जो कुल वोटिंग का 1. 9 फीसद है। 26 सीटों के साथ सबसे बड़े दल, सीएम की पार्टी- NPP को 5. 84 लाख से अधिक वोट मिले। तृणमूल कांग्रेस को मिले वोट सरप्राइज रहे, क्योंकि 5 सीटों के साथ इस पार्टी ने कुल 2. 55 लाख से अधिक वोट मिले जो नंबर तीन यानी 13. 8 फीसद वोट हैं। पहले बीजेपी ने भ्रष्ट नेता बताया, नतीजों के बाद सरकार को समर्थन! पूर्वोत्तर की राजनीति का एक रोचक पहलू ये भी है कि चुनाव प्रचार के दौरान सीएम संगमा और NPP को सबसे करप्ट पार्टी और मुख्यमंत्री बताने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव के बाद सरकार में शामिल होने का फैसला लिया।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक ऐसी योजना है जो नियमित रूप से एक निश्चित राशि जमा करके सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। नियमों के मुताबिक, 100 रुपये की जमा राशि का इस्तेमाल किसी भी बैंक या उसके आस-पास के डाकघर में पीपीएफ खाता खोलने के लिए किया जा सकता है। खाते में हर साल कम से कम 500 रुपये जमा होने चाहिए। पीपीएफ खाते छूट वाले वर्गीकरण के अंतर्गत आते हैं, जो करदाताओं को 1. 5 लाख रुपये की वार्षिक जमा राशि पर धारा 80 सी आयकर छूट के लिए योग्य बनाता है। 15 साल की लॉक-इन अवधि के दौरान एकल जमा या अधिकतम 12 किस्तों में जमा की जा सकने वाली अधिकतम राशि 1. 5 लाख रुपये है। पीएफ खाते में एक करोड़ कैसे बचाएं? पीपीएफ खाते की परिपक्वता सीमा 15 वर्ष है, लेकिन सेबी-पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी ने हिंदुस्तान टाइम्स की बहन वेबसाइट लाइवमिंट को बताया कि खाते को पांच साल के ब्लॉक में अनिश्चित काल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसका तात्पर्य यह है कि शेयरधारक नकद निकासी के बिना पीपीएफ विकल्प का प्रयोग कर सकते हैं। जमाकर्ताओं के पास अगले पांच वर्षों के लिए निवेश के साथ या बिना निवेश के पीपीएफ खाते का विस्तार करने का विकल्प है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ निवेश विकल्प के साथ पीपीएफ खाते के विस्तार का सुझाव देते हैं। पीपीएफ मैच्योरिटी राशि और नए निवेश दोनों पर ब्याज अर्जित करने के लिए, ट्रांसेंड कंसल्टेंट्स में संपत्ति के निदेशक कार्तिक झवेरी, निवेश के साथ विस्तार का विकल्प चुनने की सलाह देते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर बंगाल में लगातार हो रही बारिश (North Bengal Rain) से जनजीवन बाधित हुई है. पैंतालीस साल पहले जलपाईगुड़ी की यादें फिर ताजा हो गई है. 1986 में तीस्ता और कराला नदी ने पूरे शहर को लील लिया था. उस समय 72 घंटे में जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri) में 1120 मिली बारिश हुई है. इस बार लगातार बारिश हो रही है. जलपाईगुड़ी का बड़ा इलाका जलमग्न हो गया है. कराला नदी का पानी खतरे की रेखा के ऊपर बह रहा है. इस दिन सुबह से ही पानी बढ़ रहा है। हालांकि, तीस्ता अभी भी सामान्य है, हालांकि जल स्तर थोड़ा बढ़ गया है. तीस्ता के संगम से भारत-बांग्लादेश सीमा के असुरक्षित इलाके में येलो सिग्नल जारी किया गया है. दूसरी ओर भारी बारिश के कारण बागडोगरा एयरपोर्ट (Bagdogra Airport) पर उड़ान सेवा बाधित हुई है. सुबह से एक ही विमान ने उड़ान नहीं भरी है. इससे यात्री परेशान हैं.
अभिनेता आमिर खान जो के देखा जाए तो अभी तो फ़िलहाल अपनी फिल्म के चलते खासा व्यस्त है व अभी भी देखा जाए तो आमिर खान साहब की एक पूर्व की फिल्म दंगल जो के भारत के बाद चीन में अपना बवंडर मचा रही है. बता दे की अब आमिर खान साहब अपनी आगामी फिल्म 'ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान' में भी नजर आने वाले है इस फिल्म में हमे आमिर खान के साथ में महानायक अमिताभ बच्चन भी नजर आने वाले है. फिल्म के लिए यह दोनों ही अभिनेता हमे अपने अलग अलग अंदाज में नजर आएँगे अभी हाल ही में फिल्म के डायरेक्टर व आमिर तथा अमिताभ की एक मीटिंग भी वायरल हो चुकी है. जिसमे आमिर व अमिताभ गहन विचार मंथन में दिख रहे थे ऐसा लगा रहा है जैसे की वह किसी बढ़ी ठगी का प्लान बना रहे है. अब यह तो रही आमिर व अमिताभ की बात अब एक बार फिर से हमे आमिर खान का एक नया लुक देखने को मिला है उसे देखकर आप भी यकीन नहीं करेंगे की यह हमारे आमिर खान ही है. जी हाँ, इस फोटो में हमे आमिर खान का पूरी तरह से जुदा अंदाज नजर आ रहा है. आमिर खान जो के हमे अभी दिखाई दे रहे है जिसमे वह नाक में नोज पिन पहने नजर आ रहे हैं. हाल ही में वह मुंबई में सलमान खान के पास एक स्पा में दिखे. तो कैमरे की नजर से उनका नोज पिन बच नहीं पाया. क्या फिल्म में भी आमिर खान का कुछ ऐसा ही अवतार हमे देखने को मिलेगा. रोज 30 करोड़ रूपये उगल रही है 'दंगल'
लंदन - बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए का लोन लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ भले ही ब्रिटेन की अदालत ने घर की सर्चिंग और जब्त करने का आदेश दे दिया है, लेकिन इससे शायद ही उन पर कोई फर्क पड़ेगा। विजय माल्या ने रविवार को कहा कि वह कोर्ट के एन्फोर्समेंट ऑफिसर्स के आदेशों का पालन करेंगे, लेकिन उनके पास कुछ करने के लिए नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह है कि ब्रिटेन स्थित आलीशान आवास उनके नाम पर नहीं हैं। पूर्व शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने ब्रिटेन की अदालत में याचिका डाली है। इस मामले में सितंबर की शुरुआत तक फैसला आ सकता है। माल्या के खिलाफ केस में 31 जुलाई तक मौखिक बहस का वक्त है और अपील दायर की जा सकती है। ब्रिटिश फॉर्मूला वन ग्रैंड पिक्स के दौरान बात करते हुए माल्या ने कहा कि ब्रिटेन में जो संपत्ति उनके नाम पर है, उसे वह सौंप देंगे, लेकिन एक लग्जरी घर उनके बच्चों के नाम पर है, जबकि लंदन में मौजूद उनका आवास मां से संबंधित है। ऐसे में इन्हें सरकार की ओर से छुआ भी नहीं जा सकता। ब्रिटिश फॉर्मूला वन ग्रैंड पिक्स में विजय माल्या फोर्स इंडिया टीम के सह-मालिक हैं। माल्या ने कहा कि मैंने यूके की अदालत को अपनी ब्रिटेन स्थित संपत्तियों के बारे में एफिडेविट देकर बता दिया है।
अर्थः - 'पीसना, चूर्ग करना' अर्थक संस्कृत धातु 'पिप' के स्थान पर प्राकृत भाषा में विकल्प से पाच धातु रूपों की आदेश प्राप्ति होती है। जो कि कम से इस प्रकार है - (१) विह, ( २ ) निरिणास, (३) पिरिणज्ज, (४) रोच और (५) चड्ढ । वैकनिक पक्ष होने से 'पीस' भी होता है। उक्त छ६ धातुओं के उदाहरण इस प्रकार है :-पिनष्टि = [२] णिवहइ, [२] णिरिणासइ, [३] णिरिणज्जइ, [४] रोञ्चइ, [५] चइइ और [६] पीसइ = व पोसता है, या वह चूर्ण करता है । भषे भुक्कः ॥४-१८६ ॥ भपे भुंक इत्यादेशो वा भवति ॥ भुकइ । भसइ । अर्थ - 'भूकना, कुत्ते का बोलना' अर्थक सस्कृत धातु 'अप' के स्थान पर प्राकृत भाषा में विकल्प से 'मुक्क' धातु-रूप की आदेश प्राप्ति होती है । वैकल्पिक पक्ष होने से 'भस' भी होता है जैसे - भषति = भुक्कड़ अथवा भसइ = वह (कुत्ता) भूकता है ।। ४-१८६ ।। कृषेः कडूढ - साअड्ढाञ्चा च्छायञ्छाइञ्छः ॥४-१८७ ॥ कृपेरेंत पडादेशा वा भवन्ति ॥ कडूइ । साअड्डूइ । अञ्च । अणच्छइ । अयञ्चइ । आइञ्छ । पक्षे । करिसइ । अर्थः-खेती करना, खींचना, अर्थक सस्कृत-धातु 'कृष' के स्थान पर प्राकृत भाषा में विकल्प से छह धातु रूपों की आदेश ग्रप्ति होती है। जो कि क्रम से इस प्रकार है (१) कढ, (२) साधढ (३) अञ्च, (४) अच्छ, (५) अयञ्छ और (६) आइञ्छ । वैकल्पिक पक्ष होने से 'करिम' भा होता है। उक्त एकार्थक सातों धातुओं के उदाहरण कम से इस प्रकार है - कर्पति = [१] कढई, [?] साअदुइ, [३] अञ्च, [४] अणच्छइ [५] अयञ्छइ [६] आइञ्छड़ और [७] करिसइ = वह खींचता है वह खेती करता है ।। ४-१८७॥, तीत्यर्थः ॥ असि विपयस्य कृपेरक्खोड इत्यादेशो भवति ।। अक्खोडेड़ । असं कोशात् कर्ष - अर्थः-'तलवार को म्यान में से खींचना' इस अर्थक संस्कृत धातु 'कृप' के स्थान पर प्राकृतभाषा में 'अक्खोड' धातुरूप की श्रादेश प्राप्ति होती है। जैसेः- कर्पति = अक्खोडेइ = व तलवार को म्यान में से ) खींचता है ।। ४-१८८ ।।
राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश है लोग उनके हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं. वहीं झारखंड क्रांति सेना ने भी हत्या के विरोध में कैंडल मार्च निकाला। जमशेदपुर, जासं। राजस्थान के उदयपुर में हुई घटना पर झारखंड क्रांति सेना ने गुरुवार को बारीडीह में कैंडल मार्च निकालकर कन्हैयालाल को श्रद्धांजलि दी गई। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। कैंडल मार्च में संस्था के बारीडीह प्रमुख प्रलय दास, आलोक रंजन, अनंत ठाकुर, संजय सिंह जोजो, अविनाश उपाध्याय, मयंक सिंह, भानु सिंह, भोला मिश्रा, मोंटी सिंह, अमन सिंह, राजन सिंह, अमन सिंह छोटे, अभिषेक कुमार, दीपू ओझा, पंकज सिंह, राजा महंती, मुकेश कुमार, दीपक कुमार, सोमनाथ बनर्जी, जितेंद्र सिंह, रवि पांडे, बिट्टू मुखी सहित कई सदस्य शामिल थे। जमशेदपुर। राजस्थान के जयपुर में कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर सरेआम जघन्य हत्या के विरोध में गुरुवार को कदमा स्थित रंकिणी मंदिर के पास हत्यारों का पुतला दहन किया गया। इसके साथ ही कन्हैया लाल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर कल्कि सेना के संस्थापक द्विपल विश्वास, संजीव सिंह, अजीत सिंह, मुन्ना सिंह, अमित यादव, अरविंद महतो, अभिषेक शर्मा, धनंजय सिंह, शुभम कुमार, अनिकेत, अनमोल, रोहित, बजरंग, राहुल दुबे, विशाल पांडेय, धनंजय सिंह, अनमोल, राजू, प्रकाश आदि उपस्थित थे। जमशेदपुर। झामुमो नेता लखाई हांसदा की हत्या मामले सजायाफ्ता श्यामा प्रसाद टुडू उर्फ डाक्टर टुडू को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ से गुरुवार को अपील बेल मिल गई। वह घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद है। कोर्ट के आदेश आने के बाद उसकी रिहाई जेल से होगी। डाक्टर टुडू पर नागाडीह हत्याकांड और परसुडीह के घाघीडीह में भाजपा नेता होपेन हेम्ब्रम की हत्या मामले का भी नामजद आरोपित है। दोनों मामले में वह जमानत पर है। उसके विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों में जमानत मिलने के बाद उसने अपील बेल की अर्जी दाखिल की थी। बागबेड़ा निवासी झामुमो के जिला उपाध्यक्ष लखाई हांसदा की 20 जनवरी 2014 को परसुडीह थाना क्षेत्र करनडीह चौक पर बम और गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जमीन विवाद की खरीद-बिक्री मामले को लेकर हत्या का मामला सामने आया था। मृतक की पत्नी दानगी हांसदा की शिकायत पर हत्या की प्राथमिकी झामुमो से जुड़े डाक्टर टुडू, छोटू सोरेन और कारु सोरेन समेत अन्य के विरुद्ध दर्ज की गई थी। आरोपितों ने अदालत ने अगस्त 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आए दिन ठेला लगाने को लेकर हाईवॉल्टेज ड्रामा देखने को मिलता है। कल रात को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। जहां कई ठेले वाले अपना ठेला लगाने के लिए आपस में ही भीड़ पड़े हैं। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर. . लखनऊः शुक्रवार रात को सड़कों पर ठेले वालों ने जबरदस्त हंगामा किया है। यहां पर रोज रात को ठेला लगाने को लेकर इसी तरह हंगामा होता है। शुक्रवार रात को भी ठेले वालों के बीच ऐसा ही देखने को मिला है। इस दौरान एक-दूसरे के साथ भयंकर मारपीट हुई और भद्दी-भद्दी गालियां भी दी गई। पास में रहने वालों को आए दिन ठेले वालों की गालियां झेलनी पड़ती है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि ये सब चौकी के बगल में चलता रहता है। पर किसी को कोई खबर नहीं होती। कल रात को भी थाना नाका के मोती नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास ये हंगामा हुआ था। इसके बावजूद पुलिस इन सबसे अंजान है। चौकी इंचार्ज चौकी बंद करके नदारद रहते हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) में एक बार फिर से कोरोना का साया मंडराने लगा है। दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच आज खेले जाने वाले मैच से पहले हैदराबाद के तेज गेंदबाज टी. नटराजन कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। नटराजन के पॉजिटिव होने के बाद हैदराबाद के ऑलराउंडर विजय शंकर समेत पांच कोचिंग स्टाफ को आइसोलेशन में भेज दिया गया है। IPL 14 के शुरू होने से पहले RCB के ओपनर देवदत्त पड़िक्कल, KKR के नितीश राणा और मुंबई इंडियंस के विकेटकीपिंग कोच किरण मोरे की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव सामने आई थी। साउथ अफ्रीका से IPL में भाग लेने आए तेज गेंदबाज एनरिच नोर्तजे भी भारत आने के बाद पॉजिटिव हुए थे। इन सभी के रिकवर होने के बाद में इनको टूर्नामेंट में खेलते भी देखा गया था। IPL 2021 फेज-1 के दौरान भी एक के बाद एक कई सारे खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और टूर्नामेंट को बीच में ही सस्पेंड कर दिया गया था। फेज-1 के दौरान KKR के संदीप वॉरियर और वरुण चक्रवर्ती, दिल्ली कैपिटल्स से अमित मिश्रा और अक्षर पटेल, हैदराबाद की टीम से ऋद्धिमान साहा, CSK से बॉलिंग कोच लक्ष्मीपति बालाजी, टीम से सीईओ काशी विश्वनाथन और बस क्लीनर टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद IPL को स्थगित करना पड़ा था। IPL के दूसरे फेज को कोरोना से बचाने के लिए BCCI ने कड़ी मशक्कत की थी। लीग के दौरान इमरजेंसी मेडिकल सर्विस, स्पोर्ट्स मेडिसिन सपोर्ट, स्पेशलिस्ट टेली कंसल्टेशन, डॉक्टर ऑन कॉल, एंबुलेंस, एयर एंबुलेंस जैसी सर्विसेस के लिए UAE के VPS हेल्थकेयर को पार्टनर भी बनाया गया है। अब सवाल ये उठता है कि, इतने कड़े बायो बबल के बाद भी आखिरी कोरोना की एंट्री हुई तो हुई कैसे। खिलाड़ियों के UAE पहुंचने से पहले शारजाह, दुबई और अबु धाबी के 14 होटलों के करीब 750 से ज्यादा स्टाफ का टेस्ट हुआ। नए कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक, सभी खिलाड़ियों और ऑफिशियल्स का हर तीसरे दिन टेस्ट होगा। टूर्नामेंट के दौरान 30 हजार कोरोना टेस्ट होंगे। इसके अलावा, सुरक्षित बायो-बबल के लिए नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ को लीग के खत्म होने तक उन्हीं 14 होटलों में ठहराया गया है, जिसमें खिलाड़ी हैं। इसी साल जुलाई में शिखर धवन की कप्तानी में श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के खिलाड़ी क्रुणाल पंड्या कोरोना संक्रमित हो गए थे। सात खिलाड़ी आइसालेशन में चले गए थे। इसके बाद दूसरे और तीसरे टी-20 के लिए नेटबॉलर को टीम में शामिल किया गया था। इस दौरे पर मेडिकल ऑफिसर की कोरोना प्रोटोकॉल पालन कराने में लापरवाही सामने आई थी। इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के बीच में चीफ कोच रवि शास्त्री, बॉलिंग कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर श्रीधर, फिजियो नितिन पटेल, योगेश परमार संक्रमित हो गए। इसकी वजह से आखिरी टेस्ट को रद्द करना पड़ा। वहीं सीरीज शुरू होने से पहले ऋषभ पंत भी संक्रमित हो गए थे। इस दौरे में भी कोरोना प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं करने की बात आई। This website follows the DNPA Code of Ethics.
मेहरमा :स्थानीय थाना क्षेत्र के भगैया पंचायत अंतर्गत रख्खा मैदान के समीप सोमवार की देर शाम एक अर्ध निर्मित स्वास्थ्य केंद्र भवन के छत पर धड़ से अलग कटा़ सिर बरामद किया गया है। इसका पता उस वक्त चला जब देर शाम आसपास के कुछ बच्चे भवन में खेल कूद रहे थे। उसी समय धड़ विहीन सिर पर नजर पड़ी। इसकी जानकारी मेहरमा पुलिस को दी गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस सिर को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है हालांकि बरामद सिर देखने से किसी पुरुष का प्रतीत हो रहा है, जो पूरी तरह सड़ गल गया है। घटना को लेकर आसपास दहशत का माहौल है। साथ ही कई तरह की चर्चा हो रही है। इस संबंध में पुलिस निरीक्षक रमाकांत तिवारी ने बताया कि मामले की सूचना मिली है। सिर बरामद कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
गया तो क्या ? जो बिलकुल उचित है, वह अपने आप ही होगा, किसी प्रकार का चिंता व सोच हम क्यों करें । यह सोच या चिंता करना ही अनुचित है । हम ज्ञानी नहीं, ज्ञान हैं; देह से प्रयोजन ही कुछ नहीं । देह और उसके संबंधी जानें थौर उनकी प्रारब्ध जाने । हमें क्या ? मनोबुद्धग्रहंकारचित्तानि नाहं, न च श्रोत्रजिन च घ्राणनेत्रे । न च व्योमभूमिर्न तेजोन वायुश्चिदानंद रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ न मन हूँ न बुद्धी न हूँ चित्त हंकार, नहीं कर्ण जिह्वा न चक्षू निराकार । न हूँ पृथ्वी श्रप तेजनाकाश इव हूँ, चिदानंद हूँ रूप शंकर हूँ, शिव हूँ ॥" इस वर्ष गोसाईंजी गरमी की छुट्टियों में कशमीर की सैर को गए, और श्रीनगर पहुँचकर अमरनाथ की यात्रा को चल दिए । सारी यात्रा केवल धोती से अर्थात् आधी नीचे कंधे पर किए हुए उन्होंने की । इस सैर वा यात्रा का संक्षिप्त और मनोरंजक वर्णन गोसाईंजी ने अपनी लेखनी से स्वयं लिखा था, जो दूसरे खंड में दिया जा चुका है। किंतु इस यात्रा से लाहौर लौट आने के वाद गोसीईंजी के चित्त की शांति, पवित्रता और मस्ती की ख्याति नगर-भर में फैल गई, और सत्य के जिज्ञासु झुड दर झुठंड में आकर उनका सत्संग करने लगे । नारायण का आत्मसमर्पण संयोग से इस जीवनी के मूल लेखक श्रीमन्नारायण स्वामीजी ( जो उन दिनों नारायणदास के नाम से विख्यात थे ) बाहर से लाहौर आ गए और अपने कृपालुमित्र लाला हरलाल साहब कायस्थ से ( जो उस समय नाज़िर जिला थे ) गोसाईंजी की मस्ततॊ और शांति की प्रशंसा सुनी । वह झट उनके साथ उनके दर्शनार्थ जाने को तैयार हो गए। नारायणदासजी यद्यपि उन दिनों न किसी सभा के सभ्य थे और न वेदांत की शिक्षा से कुछ संपर्क रखते थे, केवल वाद-विवाद में प्रवृत्त रहते थे, किंतु स्वामी दयानंदजी सरस्वती का सत्यार्थप्रकाश पढ़ जाने से प्रत्येक नवागत पंडित और स्वामी से शास्त्रार्थ छेड़ दिया करते थे। इसी भय के मारे कि शायद नारायणदासजी गोसाईं तीर्थरामजी के पास पहुँचकर उनसे भी शास्त्रार्थ छेड़ने न लग पड़ें, लाला हरलालजी उन्हें अपने साथ ले जाने से झिझकने लगे । किंतु जब लालाजी को मालूम हुआ कि नारायणदासजी के हृदय पर गोसाईंजी के अमृतसरवाले व्याख्यानों का गंभीर प्रभाव पड़ा हुआ है, और उसी प्रभाव के कारण नारायणदासजी ने भगवद्गीता का अध्ययन करना जारी कर रक्खा है, तो यह वचन लेकर कि "वह वहाँ चुपके बैठकर उनके दर्शन करते रहेंगे, किसी प्रकार का वाद-विवाद उनसे न करेंगे" लालाजी ने उन्हें अपने साथ ले जाना स्वीकार किया । तदनुसार नारायणदासजी वहाँ पहुँचकर कुछ घंटे चुपके बैठे गोसाईंजी के दर्शन करते रहे। गोसाईंजी के मस्ती भरे स्वरूप के दर्शन से जो गंभीर प्रभाव नारायणदासजी के हृदय पर पड़ा, उसका वर्णन जड़ लेखनी द्वारा नहीं किया जा सकता । नारायणदासजी का हृदय उन दिनों धार्मिक विषयों में संदेहों से परिपूर्ण था, और सत्य की खोज में भड़कता रहता था । जिस किसी पंडित के पास वह अपने संदेहों को मिटाने जाते, उनसे या तो कुछ तनिक-सी शांति मिलती या नितांत खाली हाथ वापस आते। कई पक्षपाती पंडितों के यहाँ तो यह दशा होती कि जब उनके उत्तरों पर नारायणदासजी किंचित् तर्क करते या उनके उत्तर को अधिक स्पष्ट समझने के लिये तर्क के साथ उनसे प्रश्न करते, तो झट पंडित लोग प्रायः कह दिया करते कि कौन समझा सकता है ? आर्यसमाजी बड़े तार्किक होते हैं । आप जाइए, हम आपको नहीं समझा सकते, इत्यादि " । यह गोसाईंजी के हृदय की ही शांति और मस्ती थी जिसने नारायणदासजी - जैसे तार्किक के हृदय पर जादू-भरा प्रभाव डाला । और अपने शांतिदायक उत्तरों से न केवल उनके हृदय के संशयों को ही मिटा दिया, वरन् उन्हें अपना ऐसा और भक्त बना लिया कि अंत में वह और किसी काम के न रहे, बल्कि संपूर्ण रूप से वह गोसाईंजी के ही हो गए । जब उनके चित्त के सारे संशय मिट गए और व्याकुलता दूर हुई, तो फिर वह गोसाईंजी से नियमानुसार धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने लगे । प्रतिदिन रात्रि में वह उनसे उपनिषदों और अन्य वेदांत-तत्त्व के ग्रंथों को अध्ययन करते और तत्त्वज्ञान के प्रत्येक अंग पर उपदेश सुनते तथा सूक्ष्म से सूक्ष्म संशयों को भी यथेष्ट तर्क के साथ समझते थे । इस प्रकार नारायणदासजी को सौभाग्य से जी भरकर गोसाईंजी का सत्संग करने का अवसर मिला। जब प्रतिदिन के सत्संग और 'राम' के मस्ती भरे उपदेशों से नारायणदासजी का हृदय आनंदमय, प्रसन्न और हर प्रकार से संतुष्ट हो गया, तो गृहस्थी-अवस्था में ही नारायणदासजी ने अपने आपको पूर्ण रूप से उनके कर दिया । रिसाला 'अलिफ़' का प्रकाशन इस प्रकार जब नारायणदास जी ने अपने आपको पूर्ण रूप से 'राम' के समर्पण कर दिया, तो अव दिन-रात उन्हीं की सेवा और उन्हीं की आज्ञाओं का पालन करना उनका कर्तव्य हो गया । नारायणदासजी प्रायः रात-दिन उन्हीं के पास रहते थे । सन् १८९९ ई० के अंत में गोसाईंजी के शरीर को ज्वर ने घेर लिया, उदर के शूल से शरीर कभी-कभी इतना व्याकुल होता था कि मूर्च्छा हो जाती थी। एक बार आधी रात को ऐसी मूर्च्छा आई कि श्वास का लौटना
नई दिल्लीः बॉलीवुड एक्ट्रेस एमी जैक्सन (Amy Jackson) सोशल मीडिया के जरिए लगातार फैंस के साथ जुड़ी रहती हैं. एमी जैक्सन (Amy Jackson) अक्सर ही अपने ग्लैमरस लुक्स फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. लेकिन हाल ही में एमी जैक्सन (Amy Jackson) ने अपने ऑफिशियस इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर लगाने के बजाए ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) की तस्वीर शेयर की है जो वायरल हो रही है. एमी जैक्सन (Amy Jackson) ने ऐश्वार्या की तस्वीर अपने इंस्टाग्राम की स्टोरी में लगाई है. इस तस्वीर में ऐश्वर्या एक अलग ही अंदाज में नजर आ रही हैं. एमी जैक्सन (Amy Jackson) द्वारा शेयर की गई इस तस्वीर में ऐश्वर्या राय अपनी मां वृंदा के साथ जमीन पर बैठ खाना खाती नजर आ रही हैं. ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) की यह तस्वीर तब की है जब ऐश्वर्या साल 1994 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीती थीं. तस्वीर में देखा जा सकता है कि ऐश्वर्या राय ने गुलाबी साड़ी पहन रखी है सिर पर ताज लगा है. एमी जैक्सन (Amy Jackson) ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'क्वीन' 'आप हमेशा मेरी पसंदीदा रही हैं' एमी जैक्सन (Amy Jackson) के बारे में बात करें तो वह बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार के साथ फिल्म में नजर आ चुकी हैं. आखिरी बार एमी जैक्सन (Amy Jackson) फिल्म 2.0 में दिखाई दी थीं. इस फिल्म में एमी जैक्सन (Amy Jackson) के साथ रजनीकांत और अक्षय कुमार लीड रोल में नजर आए थे. एमी जैक्सन (Amy Jackson) ने अपने करियर की शुरुआत साल 2010 में तमिल फिल्म 'मद्रासपत्तिनम' से की थी. इसके बाद एमी जैक्सन ने कई तेलुगू, हिंदी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. एमी जैक्सन (Amy Jackson) अपने बॉयफ्रेंड George Panayiotou के साथ रहती हैं. वहीं अपने बेटे के जन्म के बाद से उन्होंने कोई फिल्म भी साइन नहीं की है.
एक वक्त ऐसा था जब फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग करीब 142 अरब डॉलर के साथ दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स बन गए थे। जुलाई 2021 में मार्क जुकरबर्ग ने इस मुकाम को हासिल किया था। उस वक्त फेसबुक के शेयर की कीमत 350 डॉलर के करीब थी और कंपनी का मार्केट कैप 950 अरब डॉलर था। तब से लेकर अब तक उनकी दौलत करीब 50 फीसदी तक गिर गई है। अभी उनकी दौलत 73. 6 अरब डॉलर है यानी उस वक्त की आधी। दिसंबर 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक मार्क जुकरबर्ग में मेटा प्लेटफॉर्म्स के करीब 16. 8 फीसदी शेयर हैं, जो फेसबुक की पैरेंट कंपनी है। उनकी दौलत का सीधा नाता उनकी कंपनी फेसबुक से है। 2018 के दौरान फेसबुक का शेयर 125 डॉलर का था, जो सितंबर 2021 तक 380 डॉलर का हो गया। जैसे-जैसे फेसबुक की वैल्यू बढ़ती है, जुकरबर्ग की दौलत बढ़ती है और उसी तरह इसमें गिरावट भी आती है। तो क्यों गिरा फेसबुक? फेसबुक के शेयरों में आई गिरावट या यूं कहें कि मार्क जुकरबर्ग की दौलत आधी हो जाने के पीछे कई वजहें हैं। इसकी एक बड़ी वजह है दिसंबर 2021 के नतीजे, जिसमें कंपनी का मुनाफा घटा था। वहीं मेटा ने मार्च 2022 तिमाही के लिए अनुमान लगाया था कि नतीजे उम्मीद से खराब हो सकते हैं। इसका नतीजा ये हुआ कि तेजी से कंपनी के शेयर गिरने लगे। सिर्फ 3 फरवरी 2022 को एक ही दिन में निवेशकों ने करीब 220 अरब डॉलर रकम स्वाहा हो गई। इतना ही नहीं, टिकटॉक की वजह से भी फेसबुक का बिजनस खराब हो रहा है। जुकरबर्ग कहते हैं कि लोगों के पास अपना समय खर्च करने के लिए कई विकल्प हैं और टिकटॉक जैसे ऐप तेजी से ग्रो कर रहे हैं। 2021 के अंत में खबर आई की पहली बार फेसबुक ने अपने कुछ डेली एक्टिव यूजर्स खो दिए हैं। हालांकि ये गिरावट मामूली थी, जो 1. 93 से घटकर 1. 929 हो गई। भले ही ये गिरावट बेहद मामूली है, लेकिन पहली बार गिरावट आना अपने आप में बड़ी बात है, जिसके चलते कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। वहीं एप्पल के प्राइवेसी से जुड़े बदलाव फेसबुक के एडवर्टाइजिंग मॉडल के लिए एक खतरा बन रहे हैं। बता दें कि कंपनी अपने 97 फीसदी से अधिक रेवेन्यू के लिए विज्ञापन पर ही निर्भर है। कारोबार जगत के 20 से अधिक सेक्टर से जुड़े बेहतरीन आर्टिकल और उद्योग से जुड़ी गहन जानकारी के लिए आप इकनॉमिक टाइम्स की स्टोरीज पढ़ सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
बरेली में सुभाषनगर थाना की करगैना चौकी पर बृहस्पतिवार शाम मथुरा के संघ प्रचारक आर्येंद्र को पीटने के मामले में उनकी ओर से रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। इसमें दरोगा अंकित कुमार और मढ़ीनाथ चौकी इंचार्ज सुनील कुमार समेत दस पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है। वहीं, पुलिस की ओर से भी संघ के 150-200 कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई है। दरोगा अंकित कुमार को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
काफी दिनों से चलते आ रहे वाद-विवाद और द्वंद का कल शायद अन्तिम दिन हो। कल मेरे आने वाले कल पर एक ऐसा फैसला लिया जायेगा जो पिछले छः माह से घर में वाद-विवाद का विषय बना हुआ है। देखना ये है कि ये फैसला परम्परागत रूढ़िवादी विचारधारा का समर्थन करते हुए बेटी के भविष्य को दाँव पर लगायेगा या अनावश्यक अहितकारी सामाजिक व मानसिक दबाव के विरूद्ध सशक्त हो बेटी के हित को प्राथमिकता देगा। यही सोचते-सोचते सारी रात खुली आँखों में संशय व भय का अंधकार लिए बीत गई। उनके शब्दों ने मुझे चौंका दिया। सभी की आँखें भर आई और पिताजी ने मुझे गले से लगा लिया।
WWE रैसलर औसतन 28 से तीस वर्ष की उम्र में मेन रोस्टर में कदम रखते हैं। बड़े पुश के इंतज़ार में इन रैसलरों की उम्र पैंतीस को पार कर जाती है। कुछ ही ऐसे किस्मत के धनी रैसलर होते हैं, जिन्हें कम उम्र में ही सुपरस्टार का दर्जा दे दिया जाये। मौजूदा रोस्टर में कुछ रैसलर ऐसे भी हैं जिनका मेन रोस्टर डेब्यू पैंतीस की उम्र के बाद हुआ है। काफ़ी संख्या में रैसलर चालीस की उमे को पार कर चुके हैं, फिर भी युवा रैसलरों पर उनका वर्चस्व कायम है। इस आर्टिकल में हम आपने सामने रखने जा रहे हैं ऐसे दस मौजूदा रैसलर जो चालीस की उम्र को पार कर चुके हैं। साथ ही ऐसे पांच रैसलर जिनकी उम्र अभी तीस से भी कम है। बॉबी लैशले को रैसलिंग की दुनिया में कदम रखे डेढ़ दशक बीत चुका है। रैसलमेनिया-34 के तुरंत बाद उन्होंने WWE में वापसी की है। दुखद बात यह रही है कि उनके करियर के ये आठ महीने बिलकुल भी अच्छे नहीं गुज़रे हैं। लियो रश ने आधे वर्ष के अन्दर ही किसी टॉप-कार्ड रैसलर से ज्यादा नाम कमा लिया है। इसका श्रेय उनकी माइक पर बोलने की स्किल्स को जाता है। गोल्डस्ट, रॉयल रम्बल 2019 में आख़िरी बार दर्शन दे सकते हैं। उनकी फ़िटनेस जवाब देने लगी है और उनका करियर लगातार चोट से ही घिरा रहा है। शायद ही उनका शरीर अब उन्हें रिंग में लड़ने की इज़ाज़त दे। एलेक्सा ब्लिस ने बहुत ही कम वर्षों में कई रिकॉर्ड अपनी झोली में डाले हैं। वो पांच वर की WWE डीवा चैंपियन हैं और अभी उनकी उम्र केवल 27 वर्ष है। आर ट्रुथ को देख कर लगता ही नहीं कि इस रैसलर की उम्र तीस से अधिक हो सकती है। ऐसा कहना ग़लत नहीं होगा कि आर ट्रुथ आसानी से छः-सात साल रिंग में और गुज़ार सकते हैं। कनाड़ा में जन्मा भारतीय मूल का यह रैसलर, रेज़ार का टैग-टीम पार्टनर है। 'द ऑथर्स ऑफ़ पेन' पूर्व रॉ टैग-टीम चैंपियन टीम भी रह चुकी है। जॉन सीना अपने करियर के आख़िरी पड़ाव से गुज़र रहे हैं। सोलह बार का यह WWE वर्ल्ड चैंपियन अपने फ़िल्मी करियर पर ध्यान केन्द्रित करना चाहता है। शायद ही आप इस तथ्य पर विश्वास कर पाए कि 'द रायट स्क्वाड' की यह सदस्य अभी मात्र चौबीस वर्षीय है। मौजूदा रोस्टर की सबसे खूबसूरत डीवा रैसलरों में इन्हें शामिल किया जाता है। बॉबी रूड उन चुनिन्दा रैसलरों में से एक हैं जिनका मेन रोस्टर डेब्यू करीब चालीस की उम्र में हुआ है। चैड गेबल के साथ टैग-टीम बनाने की रणनीति अभी तक सफ़ल नहीं रही है। हालाँकि ज़ेलिना वेगा को एक सिंगल्स रैसलर के रूप में बड़ा पुश नहीं दिया गया है। करीब एक साल पूरा होने को है, ज़ेलिना वेगा, अन्द्राडे सिएन अल्मास की मैनेजर की भूमिका निभा रही हैं।
सेंचुरियन के मैदान में एक ओर जहां केएल राहुल के बल्ले से शतक निकला , मयंक अग्रवाल ने शानदार हाफसेंचुरी लगाई वहीं दूसरी ओर टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा 0 पर निपट गए। चेतेश्वर पुजारा क्रीज पर आए और पहली ही बॉल पर उनका खेल खत्म हो गया। लुंगी एन्गिडी की पहली ही बॉल पर पुजारा के बल्ले का अंदरूनी किनारा लगा और शॉर्ट लेग पर खड़े खिलाड़ी ने उनका आसान कैच लपक लिया। पुजारा 0 पर तो आउट हो गए लेकिन इसके बाद जो हेड कोच राहुल द्रविड़ ने किया उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गोल्डन डक पर आउट होने के बाद पुजारा अपने कपड़े बदलकर ड्रेसिंग रूम के अंदर घुसे। इसके तुरंत बाद राहुल द्रविड़ अपनी सीट से उठे और उन्होंने चेतेश्वर पुजारा की पीठ थपथपाई। राहुल द्रविड़ के इस रिएक्शन पर पुजारा ने लम्बी सी स्माइल दी। द्रविड़ और पुजारा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. फैंस पुजारा से हमदर्दी और राहुल द्रविड़ को सलाम कर रहे हैं। चेतेश्वर पुजारा के लिए सेंचुरियन का ग्राउंड बेहद अनलकी रहा है। 3 साल पहले 2018 में इसी मैदान पर वो साउथ अफ्रीका के खिलाफ 0 पर रन आउट हो गए थे। पुजारा ने अपने करियर में दो बार गोल्डन डक का दर्द झेला है और दोनों ही बार उन्हें ये गम सेंचुरियन में मिला है. बता दें चेतेश्वर पुजारा ने एक अनचाहा रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। पुजारा अब नंबर 3 पर खेलते हुए सबसे ज्यादा 9 बार शून्य पर आउट होने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
2023 के केंद्रीय बजट में करदाताओं के लिए बड़ा सरप्राइज मिलने की पूरी संभावना है. देश में बहुत कम नागरिक टैक्स देते हैं। जो ईमानदारी से टैक्स भरते हैं। निरंतर रोना रोया जा रहा था कि उनके रैंकों में कुछ खास नहीं चल रहा है। मगर अब मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स की नाराजगी दूर करने का निर्णय लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को पेश होने वाले बजट में करदाताओं के लिए एक नहीं बल्कि तीन विशेष घोषणाएं करेंगी। आम बजट में करदाताओं को 1 नहीं बल्कि 3 खुशखबरी मिलेगी। बेसिक टैक्स स्लैब में बदलाव होगा। इनकम टैक्स लिमिट बढ़ने की संभावना है। बजट पेश होने में सिर्फ 22 दिन बचे हैं। और भी कई आश्चर्य होने हैं। बीते नौ वर्ष से टैक्स लिमिट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मगर इस अंतिम बजट में यह सीमा बढ़ने की संभावना है। श्रमिक वर्ग को 80सी के तहत मिलने वाली रियायतों का अधिक लाभ मिलने की भी संभावना बढ़ गई है। फिलहाल इनकम टैक्स के तहत निवेशकों को 80सी के नियम से राहत मिलती है। 80C के तहत निवेशकों को 1. 5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स नहीं देना होता है। इनमें पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और बीमा योजनाएं शामिल हैं। अगर यह सीमा बढ़ाई जाती है तो वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान कर ढांचे में 2. 5 लाख रुपए तक कोई कर नहीं लगाया जाता है। 2. 5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए के बीच की आय पर 5 %, 5 लाख रुपए से 7. 5 लाख रुपए के बीच 10 % और 7. 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच 15 % कर लगाया जाता है। अब इस टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने की मांग हो रही है। करदाताओं को 10 लाख रुपए से 12. 5 लाख रुपए तक की आय पर 20 % कर देना होता है। करदाताओं को 12. 5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए के बीच आय पर 25 % और 15 लाख रुपए से ज्यादा इनकम पर 30 % कर देना होता है। करदाता इस बदलाव की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री 3 साल तक के फिक्स्ड डिपॉजिट पर राहत दे सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। एफडी पर टैक्स से छूट मिल सकती है। मगर इसकी अवधि सीमित है। यह छूट केवल 2 वर्ष तक के फिक्स्ड डिपॉजिट पर ही मिलने की संभावना है। इसलिए निवेश बढ़ने की संभावना है।
खैर! जिस दिन अनुराग ने मुझसे शादी की बात की उसी हफ्ते वीकेंड पर अनुराग ने अपने घर में ये बात कह दी. और ये सुनते ही उसके घर में तो बवाल ही हो गया था. अनुराग की उम्र बहुत कम थी. सिर्फ बीस साल के अनुराग के शादी करने के फैसले से उसके मम्मी पापा को उसकी फ़िक्र होनी ही थी. लेकिन अनुराग ने अपनी परिपक्व बातों और इरादों से बात संभाल भी ली. और जल्दी ही उसने अपनी ज़िन्दगी भी संभाल ली. दो-तीन साल के अंदर वह इतना कमाने लगा था कि हमें लगा हम शादी कर लें तो वो मेरा खर्चा उठा सकेगा. और फिर एक दिन शाम को अनुराग मेरे घर पर भी शादी के लिए बात करने आ गया. मैं तो डर के मारे काँप रही थी. लेकिन जल्दी जी मुझे एहसास हो गया कि अनुराग का बड़े घर का बेटा होने की वजह से मेरे पापा तो मानो उसके आगे बिछे जा रहे थे. वे अनुराग के मम्मी पापा को जानते थे. मेरा पूरा परिवार अनुराग को जानता था लेकिन ये नहीं जानता था कि मेरा अनुराग से कोई रिश्ता है. अब जब पता लगा तो उन्होंने एकदम खुले दिल से इस रिश्ते का स्वागत किया. मेरे पापा तो इतने जोश में आ गए कि अनुराग के सादे समारोह में शादी करने के प्रस्ताव को सिरे से ही नकार कर शादी धूम-धाम से करने का ऐलान कर दिया. अब इस ऐलान के चलते कितनी परेशानी अनुराग और उसके परिवार को हुयी ये अलग कहानी है. कितनी बेइज़्ज़ती अनुराग के परिवार की हुयी और कितना मैंने इस मारे सहा वो मैं बयान ही नहीं कर सकती. बस दिल दुखता है आज तक. बहुत दुःख हुया था मुझे अनुराग की तकलीफ देख-देख कर. न तो वो अपने मम्मी पापा को कुछ कह पाने की स्थिति में था न मुझे. मेरे घर वालों को तो कुछ कहने का सवाल ही पैदा नहीं होता था. वे तो समझ ही नहीं सकते थे. वे आज भी कहाँ समझ पाते हैं. उनके और अनुराग के जीवन स्तर में इतना अंतर है कि वे समझ ही नहीं पाते और बार बार अपने ही स्तर से अनुराग के साथ वयवहार करते हैं. जो वो चुपचाप बर्दाश्त कर लेता है. मैं चाहती हूँ मुझे ही अनुराग कुछ कहे तो शायद मेरा दुःख कुछ कम हो. वो कुछ नहीं कहता और मैं अंदर ही अंदर घुटती हूँ. उस वक़्त भी मैंने कोशिश की कि मैं अपने घर वालों को समझा कर इस तरह की बेवकूफियां करने से रोकूँ लेकिन अनुराग ने मुझे रोक लिया. उसका कहना था कि उन्हें भी अपने अरमान पूरे करने का पूरा हक़ है. अपने घर में वे जैसा चाहें करें. उन्हें करने दो. वैसे भी मैं अपने भाई और पापा लोग को कुछ भी नहीं कह सकती थी. मेरी परवरिश ही ऐसे हुयी है कि मैं किसी को कुछ भी नहीं कह सकती. बस अनुराग के साथ ऐसा रिश्ता है कि दिल की हर बात सिर्फ और सिर्फ उसी से कहती हूँ. अब तो इस उम्र में आकर मुझे लगत्ता है कि अनुराग मेरा पति, प्रेमी, शिक्षक, गुरु, पिता, दादा, बेटा सब वही है. वो एक इंसान है जो इस दुनिया में मुझे जिंदा रखे हुए है, संभाले हुए है. उसके बिना जीने की तो मैं कल्पना भी नहीं कर सकती. लेकिन धीरे-धीरे हमारे बीच कुछ दूरियां सी आ गयी हैं. मुझे वो वक़्त याद आता है जब हमारी शादी हुयी ही थी. शादी होते ही हम दोनों एक नए फ्लैट में आ गए थे, जो शादी से पहले ही अनुराग ने ले लिया था. और काफी सामान भी उसमें रख लिया था. मेरे दहेज़ में कुछ थोडा सा फर्नीचर मिला था जो कोनों में समा गया था और कुछ बर्तन जो रसोई में अनुराग की मम्मी ने खरीद कर रखे थे उन्हीं में घुल मिल गए थे. लेकिन असली परेशानी तो शुरू हुयी थी जब शादी के बाद अनुराग ने दफ्तर जाना शुरू किया. अब तक तो हम दोनों कभी मेरे घर पर और कभी अनुराग के घर पर खाना खा रहे थे. सुबह का नाश्ता भी अनुराग के घर पर ही होता था. मम्मी के ऑफिस जाने से पहले हम वहां पहुँच जाते. वे नाश्ता बनवातीं और हम सब नाश्ता करते. फिर मम्मी-पापा दोनों अपने अपने दफ्तर चले जाते और हम अपने घर आ जाते. अब जो अपने घर पर रहना था, काम पर जाना था तो मुझे याद आया कि मैं तो खाना बनाना जानती ही नहीं थी. हमारे घर में बहुत सादा बेसिक खाना बनता था जो माँ ही बना लेतीं. मुझे तो उन कामों में लगे रहना होता जिनसे चार पैसे घर में आते. दूसरे माँ को शायद लगा कि बड़े घर में जा रही हूँ तो खाना बनाने की ज़हमत मुझे नहीं उठानी होगी सो शादी तय हो जाने के बाद भी जो काम मुझे सिखा देने चाहिए थे वे उन्होंने लापरवाही के चलते नहीं सिखाये. घर संभालने वगैरह की बात जहाँ तक है तो हमारे घर में कुछ ऐसा सलीका था ही नहीं कि मेरी माँ मुझे सिखातीं. ये सब तो मैंने अनुराग के घर में आ कर ही देखा था. और अब मैं इस मुसीबत में आन पड़ी थी. मुझसे ज्यादा अनुराग मुसीबत में था. उसे काम पर जाना था. अनुराग सुबह उठ कर पहले दिन ऑफिस जाने को तैयार हुया तो मैं रसोई में खड़ी हो कर चाय बनाने के बारे में सोच रही थी. मुझे चाय के अलावा कुछ और बनाना नहीं आता था. सबसे बड़ी बात तो ये थी कि मुझे ये तक नहीं पता था कि अगली सुबह के नाश्ते का इंतजाम पहली रात को ही घर में कर के रखना होता है. चाय और चीनी तो थी घर में. अनुराग की मम्मी ने सब कुछ डब्बों में भर कर रखा था. लेकिन दूध नहीं था फ्रिज में, न ब्रेड और न ही अंडे. मेरे घर में तो सुबह नाश्ते में चाय और कुछ जो भी रात का बचा हुआ हो वो खा लिया जाता था. अनुराग ने पूछा क्या है खाने को तो मेरे पास कोई जवाब ही नहीं था. डरते डरते जब मैंने बताया कि दूध भी नहीं है तो वह चुपचाप बाहर निकला, स्कूटर स्टार्ट किया और पन्द्रह मिनट बाद दूध, ब्रेड, अंडे, बिस्कुट और रस्क वगैरह ले कर घर में घुसा और फ़ौरन रसोई में आ कर नाश्ता बनाने लगा. मुझसे बेहतर था वो नाश्ता बनाने में. उसने ही मुझे आमलेट बनाना सिखाया. ब्रेड को टोस्ट करना सिखाया तवे पर, अगर लाइट न हो या टोस्टर खराब हो जाये तो. फिर माँ बेटे में कुछ बात ज़रूर हुयी होगी क्योंकि उस दिन दोपहर में मम्मी ने मुझे फ़ोन कर के अपने साथ लंच के लिये बुला लिया था. मेरे खाना पकाने या ना पकाने के बारे में कोई बात नहीं हुयी थी. बस उन्होंने एक नया इंतजाम किया और मुझे बताया कि दोपहर का खाना हम दोनों उनके साथ खाया करेंगे और शाम को मम्मी और पापा हमारे साथ हमारे घर पर डिनर किया करेंगे. अब अनुराग की मम्मी शाम को चाय के बाद मेरे घर आ जातीं और उनकी निगरानी में मैं खाना बनाती. वे मुझे एक-एक बात समझातीं. उन्होंने एक बड़ी सुंदर सी नोटबुक भी मुझे गिफ्ट की और मैं एक एक चीज़ उसमें नोट करने लगी. कई बार लगता था कि जैसे मैं उनके स्कूल की कोई छात्र ही हूँ. उसी तरह वे बड़े धैर्य से मुझे सिखाती. उन्होंने मुझे खाना प्लान करने से लेकर बाज़ार जा कर सामान खरीदने और फिर घर ला कर उसे संभालने और फिर खाने की तैयारी से ले कर खाना बनाने और परोसने के तरीके सब इस तरह सिखाये कि मैं एक तरह से खुद को नए सिरे से खोज पा रही थी. मुझे लगता था जैसे मेरे जैसी अनगढ़ लडकी को मम्मी ने एक पूर्ण औरत बना दिया था. अनुराग की मम्मी मुझे इतना प्यार करतीं जैसे मैं उनकी अपनी जाई हूँ. कई बार तो अनुराग की बहन नीलिमा को शिकायत होने लगती कि जब से मैं घर में आयी हूँ मम्मी ज्यादा वक़्त मेरे साथ बिताती हैं. ऐसे में उन्होंने एक और रास्ता निकाल लिया था. वे शाम को होम वर्क के बाद नीलिमा को भी आदेश देती कि वो मेरे घर आ जाये और हम तीनों ही मेरी रसोई में खाना बना रहे होते जब पापा और अनुराग एक-एक कर घर में दाखिल होते. ऐसे लगता था कि दो घरों में रह रहा एक परिवार नए सिरे से रिश्तों के नए धागे बाँध रहा था. जैसे-जैसे मैं खाना बनाने में पारंगत होती गयी मम्मी और पापा का डिनर के लिए आना कम होता गया. एक दिन ऐसा भी आ गया कि दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी मैं और अनुराग हम दोनों ही थे डिनर पर. अलबत्ता लंच पर मेरा मम्मी के घर जाना अभी चल ही रहा था इसलिए मम्मी की कमी महसूस नहीं होती थी मुझे. "हाँ यार. मुझे पता है तुम अपनी मम्मी के घर तो महीने में एक दिन भी नहीं जाना चाहती." वह हंस पडा था. "क्यों?" मैं हैरान थी. मुझे तब इतनी समझ नहीं थी कि मैं अनुराग की गहरी बातों का मतलब समझ सकूं. वो तो खैर मैं अब भी कई बार नहीं समझ पाती. कई बार झुंझला भी उठता है. लेकिन फिर मुझे हैरान देख कर मुस्कुरा देता है. "इसलिए मेरी जान कि ये सारा इंतजाम इसीलिये था ताकि तुम्हें मम्मी खाना बनाना सिखा दें. और घर संभालना भी. अब बचा-खुचा अपने आप भी सीख लो यार." मैं क्या कहती? हैरान थी और चुप्पी साधे बैठी रही. इतना आदर और प्यार मुझे अनुराग के परिवार से मिल रहा था जिसकी ना तो मैंने उम्मीद की थी न कभी सोचा ही था. मैं ज्यादा कुछ तो नहीं समझ पाई थी लेकिन इतना ज़रूर समझ गयी थी कि अब मुझे अपना घर खुद संभलना होगा और मम्मी का मुंह हर बात के लिए देखना बंद करना होगा. इस तरह हमारा दाम्पत्य एक दायित्व की तरह शुरू हुआ था. मैंने घर संभालना शुरू कर दिया था एक ज़िम्मेदार गृहणी की तरह और अनुराग ने पूरी तरह खुद को काम में डुबो दिया था. कई बार वो मुझ से भी अपने आय. टी. के काम के बारे में बात करता था लेकिन मैं कुछ ज़्यादा समझ नहीं पाती थी और "हाँ हूँ" के अलावा कुछ कह नहीं पाती थी. कई बार उसने कोशिश की मुझे समझाने की लेकिन मुझे दिलचस्पी ही नहीं थी. मैं तो अब पूरी तरह घर के काम में डूब गयी थी. मुझे हर वक़्त अब घर का ख्याल रहता था. घर को साफ़-सुथरा रखने, सजाने, संवारने, तरह-तरह का खाना बनाने में मैं पूरी तरह डूब गयी थी. यहाँ तक कि अब कई बार ऐसा होता कि अनुराग घर पर होता, मेरी तरफ उम्मीद से देख रहा होता और मैं कपडे धो रही होती, या सफाई कर रही होती, या कपडे इस्त्री कर रही होती. कुछ नहीं तो रसोई में कोई नयी डिश बनाने में लगी होती. मुझे ये पुरानी कहावत बड़ी पसंद थी कि मर्द के दिल का रास्ता उसके पेट से हो कर गुज़रता है. लेकिन अब समझ में आने लगा है कि दिल के रास्ते दिल में ही होते हैं. उन्हें इधर उधर ढूँढने से बात नहीं बनती. कम से कम अनुराग के साथ तो ऐसा ही था. वो मुझसे दोस्ती और साथ की मांग करता था लेकिन मैं घर में डूबी देख ही नहीं पाती थी कि वो क्या चाहता है. सच तो ये था कि माता-पिता के घर में जिस तरह की तंगी मैंने अब तक देखी थी उसके बाद यहाँ का खुला-खुला माहौल मुझे बहुत अच्छा लगता था. एक दो बेडरूम का घर जिसमें एक बड़ा सा हॉल भी था, पूरा का पूरा मेरी मिलकियत थी. मैंने कभी ऐसी विलासिता का सपना भी नहीं लिया था. मैं इस घर के ऐश और आराम में डूब सी गयी थी. मन से हर काम करती और जी भर कर जीती. इतना घर में डूब जाती कि अनुराग जैसे प्रेमी पति को भी मानो भुला देती. और फिर ऐसे ही एक दिन मुझे पता लगा कि मैं माँ बनने वाली हूँ. ये जान कर तो मेरे और अनुराग के मानो पर ही लग गए. हमें लगा कि दुनिया जहान की खुशियाँ अब हमारे क़दमों में आ गिरेंगी. अरुण और उसके ढाई साल बाद नीलिमा भी आ गयी. और हमारा जीवन जैसे एक चक्कर घिनी बन गया. मेरा तो ख़ास तौर पर. बच्चों की परवरिश, स्कूल और उनकी मांगों के बीच हम दोनों खपते चले गए. अनुराग के प्रति मेरा प्यार उसके लिए खाना बनाने और उसके कपड़ों का ध्यान रखने तक सिमट कर रह गया. अब पिछले कुछ साल से जब से बच्चे किशोर हुए हैं उनके नखरे और आये दिन की इमोशनल उठा-पटक को सँभालते मुझे अनुराग की बहुत ज़रुरत पड़ती है तो मैंने देखा है कि अनुराग की तो एक अलग ही दुनिया बस गयी है. दोस्तों और काम की. उसके पास वक़्त ही नहीं है हम सब के लिए. हालाँकि वो चाहता तो है हमारे साथ वक़्त बिताना लेकिन घर चलाने के लिए तो खूब सारा पैसा चाहिए. सो उसे कमाने के लिए अब वो सर से लेकर पैर तक कारोबार में डूब गया है. उसका सारा वक़्त उसी में गुज़रता है. अब मुझे समझ आ रहा है कि मैं जैसे अनुराग को खो ही चुकी हूँ. कभी कभी लगता है कि जैसे हर शादी का आखिरकार यही हाल होता है. अपनी सहेलियों से बात करती हूँ तो सभी का यही कहना है कि मर्द लोग घर से बाहर रहना ही पसंद करते हैं. पैसे दे देते हैं और फिर चाहते हैं कि उन्हें परेशान ना किया जाए और सब कुछ हम औरतें ही संभाल लें. ऐसे में कभी कभी मैं रूठ जाती हूँ अनुराग से अपनी बात मनवाने के लिए. हालाँकि वो मेरी सभी बातें मानता है लेकिन जब कभी मुझे उसका ज्यादा समय चाहिए होता है तो मैं रूठने का या बीमार पड़ने का बहाना कर के उसे खींच लाती हूँ. लेकिन ये कुछ वक़्त के लिए ही हो पाता है. कुछ ही दिनों में अनुराग वापिस अपनी पहले वाली दिन-चर्या में गुम हो जाता है और मैं अपनी दिन चर्या में. जिसमें बच्चों से प्यार-मनुहार लड़ना झगड़ना शामिल है. जबकि अनुराग के लिए उसके दोस्त और काम में डूब जाना. ये रूठना मनाना भी ज़रूरी होता है शादी को चलाने के लिए. मम्मी यही कहती है. मौसी जी भी ऐसा ही कहती हैं वे लोग अपने अपने पतियों से इसी तरह अपनी सारी बातें मनवाती हैं. इन पति लोगों से और पापा लोगों से इसी तरह प्यार मनुहार रूठ वूठ कर अपने सारे काम निकलवा लेने चाहियें. वर्ना शादी का तो हाल ये ही है. बस ठस्स हो जाती है. प्यार इश्क तो जाने कहाँ चला जाता है. बस अच्छे कपड़े पहन लो और अच्छा खाना खा लो. फिल्में देख लो. यही ज़िन्दगी है. खाना बना लो बच्चे पाल लो. प्यार? बस भूल जाओ. शादी के बाद क्या होता है प्यार-व्यार? मैं ही बस कभी कभी बेवकूफों की तरह फ़िल्मी प्यार के बारे में सोचने लगती हूँ. नहीं सोचना चाहिए मुझे भी. अभी उस दिन की बात है. अरुण की बत्तमीजी की वजह से परेशान थी मैं. अनुराग रात भर होटल में ठहरा था. उसकी मीटिंग और पार्टी देर तक चले तो वो वहीं रुक गया. सुबह देर से आया तो मैं घबरा गयी उसके न होने से. मेरा दिमाग खराब हो गया. मैंने तो बस कैकेयी की तरह पाटिया पकड़ ली. सुना है इस तरह पति करीब आ जाता है. वो आया बहुत करीब आया. बहुत प्यार किया उसने मुझे. डॉक्टर के पास भी ले कर गया. अनुराग बहुत प्यार तो करता है मुझे आज भी. लेकिन अब सब कुछ पहले जैसा तो नहीं हो सकता न. मैं भी पता नहीं क्या क्या सोचती रहती हूँ. उस दिन पूरी शाम हम चारों घूमते रहे, फिल्म भी देखी. लेकिन मुझे बार बार लगा जैसे अनुराग खोया-खोया सा है. उसके कई दिन बाद तक वो परेशान सा लगा. मेरे पूछने पर उसने हंस कर टाल दिया था. मैं भी इसे शादी का ही एक हिस्सा मान कर बात को बंद कर देती हूँ. क्या फायदा बात बढ़ाने से? कारोबार में कोई मुश्किल होगी. मुझे बता भी देगा तो मैं कोई मदद तो कर नहीं सकती. ऐसे ही ठीक है. न बताये. और हम कर भी क्या सकते हैं? शादी भी तो बहुत ज़रूरी है. अब ये ऐसे हो जाती है धीरे धीरे तो ठीक है. यही ज़िन्दगी है न फिर. क्या किया जाए? प्रितपाल कौर.
Hartalika Teej 2022: हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का व्रत (Hartalika Teej Vrat 2022) बहुत खास है. मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से बहुत लाभ मिलता है. भाद्रमास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत (Hartalika Teej Vrat Date) रखा जाता है. इस बार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करते हुए निर्जला व्रत (Vrat) रखती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कजरी और हरियाली तीज से लेकर हरतालिका तीज तक हरे रंग (Hartalika Teej Green Color) का खास महत्व है. तीज के दिन हरा रंग पहनना बहुत शुभ माना गया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. इसके अलावा हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं. हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं. पांव में पायल और बिछिया भी पहनती हैं. तीज (Hartalika Teej Green Color Importance) का व्रत सावन और भादो जैसे महीने में पड़ता है और इस समय वर्षाऋतु होती है. चारों ओर हरियाली ही हरियाली देखने को मिलती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ को हरा रंग बहुत प्रिय है. ज़ी न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, हरे रंग को बुध का भी प्रिय रंग माना गया है. इसी वजह से हरे रंग के वस्त्र पहनने से बुध ग्रह मजबूत होता है. इसलिए हरतालिका तीज के दिन महिलाएं हरे रंग को महत्व देती हैं. हरतालिका तीज तिथि 29 अगस्त 2022 को 3 बजकर 20 मिनट पर शुरु होगी और इस तिथि का समापन 30 अगस्त 2022 को 3 बजकर 34 मिनट पर होगा. हरतालिका तीज की सुबह की पूजा का शुभ मूहूर्त 9 बजकर 33 मिनट से 11 बजकर 05 मिनट तक है और प्रदोष काल पूजा का मुहूर्त 30 अगस्त 2022 को 6 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है. )
चांणक की अंग सब पासण मासा तणां, निवर्तक को नाहि । निवरति के निबहै नहीं, परवति' परपंच मांहि ॥ २७ ॥ कबीर इस संसार का, झूठा माया मोह । जिहि घारे जिता बंधावण, तिहिं घरि तिता दाह ॥ २८ ॥ माया हमसौं यों कह्या, तू मति दे रे पुठि । और हमारा हम बलू, गया कबीरा रूठि ॥ २८ ॥ बुगली नीर बिटालिया, सायर चढ़ना कलंक । और पखेरू पी गए, हंस न बोवै च च ॥ ३० ॥ कबीर माया जिनि मिलै, सौ बरियां दे बांह । नारद से मुनियर गिले, किसी भरौसौ त्यहि ॥ ३१ ॥ माया की फल जग जल्या, कनक कांमिणों लागि । कहु· धौं किहि बिधि राखिये, रुई पलेटी आगि ॥ ३२ ॥ ३४६ ॥ ( १७ ) चांणक का अंग जीव बिल ब्या जीव सौं, अलष न लषिया जाइ । गोबिंद मिलै न फल बुझे, रही बुझाइ बुझाइ ॥ १ ॥ इही उदर के कारण, जग जाँच्यौ निस जाम । स्वामीं- पणौ जु सिरि चढ्यो, ससा न एको काम ॥ २ ॥ स्वामीणां सोहरा, दोद्धा हू णां दास । गांडर आंखों ऊन कू, बांधी चरै कपास ॥ ३ ॥ स्वामी हूवा सीत का, पैका कार पचास । राम नाम कांठै रह्या, करै सिषाँ की आस ॥ ४ ॥ कबीर तष्टा टोकणों, लीए फिरै सुभाइ । राम नाम चीन्हें नहीं, पीतलि ही कै चाइ ॥ ५ ॥ (२६) ख० - गया कबीरा छूटि । (३२) ख० -- रूई लपेटी भागि । कलि का स्वामीं लोभिया, पीतलि धरी षटाइ । राज दुवारां या फिरै, ज्यू हरिहाई गाइ ।। ६ ।। कलि का स्वामी लोभिया, मनसा घरी बधाइ । दैहि पईसा ब्याज कौं, लेखाँ करता जाइ ॥ ७ ॥ कबोर कलि खोटी भई, मुनियर मिलै न कोइ । लालच लोभी मसकरा, तिनकू आदर होई ॥ ८ ॥ चारिड बेद पढ़ाई करि, हरि सूं न लाया हेत। बालि कबीरा ले गया, पंडित ढूंढै खेत । ८ ॥ बांझण गुरू जगत का, साधू का गुरु नाहिं । उरझि पुरभि करि मरि रह्या, चारिउ बेदां माहिं ।। १० ।। साषित सण का जेवड़ा, भींगां सू कठठाइ । दोइ अषिर गुरु बाहिरा, बांध्या जमपुरि जाइ ॥ ११ ॥ ८) ख० - कबीर कलिजुग आइया । ६ ) ख० -- चारिवेद पंडित पढ्या, हरि से किया न हेत । (१०) ख० -बांम्हण गुरु जगत का भर्म कर्म का पाइ उलकि पुलकि करि मरि गया, चारर्थों बेंदा मांहि ॥ (१०) इसके आगे ख० में ये दोहे कलि का बाम्हण मसकरा, ताहि न दीजै दान । स्यौं कुटंउ नरकहि चलै, साथ चल्या जजमान ॥ ११ ॥ ब्राम्हण बूड़ा बापुड़ा, जेनेऊ कै जोरि । लख चौरासी मां गेलई, पारब्रह्म सौ तोड़ि ॥ १२ ॥ (११) इसके आगे ख० में ये दोहे हैं - कबीर साषत की सभा, तूं जिनि बैसे जाइ । एक दिबाड़े क्यूं बड़े, रीफ गदेहड़ा गाइ ।। १४ ।। साषत ते सूकर भला, सूचा राखे गांव । बुड़ा खाषत बापुड़ा, बैसि सभरणी नांव ॥ १२ ॥ साषत बाम्हण जिनि मिलै, बैसना मिलौ चेंडाल । अंक माल दै भेटिए, मानूं मिले गोपाल ॥ १६ ॥
भासती है। रागीको धन सुखम्प तथा वैरागीको दुखरूप प्रगट होता है । निश्चयमे कोई पदार्थ सुख या दु खस्प नही है न कोई दूसरेको मुखी या दुखी करमक्ता है। वह प्राणी अपनी कल्पनासे कभी किसोके द्वारा मुम्वरूप तथा कभी दु ग्वरुप होजाता है। जैसा पहले गाथायोमे कहा है कि मुख आत्माका निज स्वभाव है वैसे यहा कहा है कि मुखरुप स्वय प्रात्मा ही है । जैने ज्ञान स्वभाव आत्मा का है वैसे मुख भी स्वभाव ग्रात्माका है, समार अवस्थामे उसी मूख गुणका विभावरूप परिगमन होता है । चारित्रमोहके उदय वशात्मीक सुखका अनुभव नहीं होता है परन्तु जव वलपूर्वक मोहके उदयको दूरकर कोई प्रात्मज्ञानी महात्मा अपने मा निज उपयोगकी थिरता करता है तो उसको उस सच्चे स्वाधीन मुखका स्वाद ग्राता है । केवलज्ञानीके मोहका अभाव है इसलिये वे निरतर मच्चे श्रानन्दका विलास करते है । प्रयोजन कहनेका यह है कि जब सुख निज ग्रात्मामे है तव निज आत्माका ही स्वाद स्वाधीनतामे लेना चाहिये । मुखके लिये न शरीरकी न घनादिकी न भोजन पान वस्त्रादिकी आवश्यक्ता है। आत्मीक मुख तो तव ही अनुभवमे आता है । जव सर्व परपदार्थोसे मोह हटाकर निजमे ठहरा जाता है । यहा श्राचार्यने दृष्टात दिया है कि जी कोई चोर, सिंह, विलाव, सर्प आदि रात्रिमे स्वय देख सक्त है उनके लिये दीपककी जरूरत नहीं है। देखनेका स्वभाव दृष्टिमे ही है । यह समार अवेरी रात्रिके समान है। अज्ञानी मोही वहिरात्मा जीवोकी दृष्टि श्रात्मीक सुखको अनुभव करने के लिये असमर्थ है । इसलिये बाहरी पदार्थोंका निमित्त मिलाकर वे जीव मासारिक तथा काल्पनिक मुखको मुख मानकर रजायमान होते है । वहा भी उनके ही सुख गुरणका उनको अनुभव हुआ है परन्तु वह विभावरूप भया है । इस बातको मोही जीव नही विचारते हैं । जैसे कोई
भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश आने से पहले इंदौर में राहुल गांधी के नाम से धमकी भरी चिट्ठी मिली है। इस चिट्ठी में राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी दी गई है। बता दे कि, इंदौर की एक मिठाई की दुकान पर यह धमकी भरा पत्र मिला है, जहां राहुल गांधी के अलावा पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को भी जान मारने की धमकी मिली है। धमकी वाले पत्र में सिख दंगों का जिक्र भी किया गया है, वही पत्र मिलने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल पत्र किसने लिखा है कौन रखकर गया है इसकी अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि 24 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर होते हुए इंदौर पहुंचेंगे। इसे लेकर पुलिस ने सुरक्षा की सभी तैयारी कर ली है। इंदौर पहुंचने के बाद यहां खालसा स्टेडियम में रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। इसे लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दौरा किया था। दूसरी ओर धमकी भरा पत्र मिलने की खबर के बाद पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज और आरएलबीडी के कैमरे खंगालने में जुटी हुई है। इसी के साथ चिट्ठी में कमलनाथ का भी जिक्र किया गया है जिसमें साफ तौर से लिखा गया है कि राहुल गांधी के साथ कमलनाथ को भी गोली मार दी जाएगी। हालांकि पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ धारा 507 के तहत मामला दर्ज जांच शुरु कर दी गई है।
कोलम्बो योजना को तकनीकी सहयोग स्कीम विशेष राष्ट्रमण्डल अफ्रीकी सहायता योजना पारस्परिक छात्रवृत्ति योजना शिल्प अनुदेशकों के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रमण्डल शिक्षा सहकारिता योजना राष्ट्रमण्डल शिक्षा सहकारिता योजना 1983-84, वरिष्ठ शिक्षा-विदों का अल्पकालीन दौरा इस योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित देशों से आये छात्रों के लिये सहायता की पेशकश की गई है अफगानिस्तान, बर्मा, बंगलादेश, भूटान, फिजी, ईरान, इण्डोनेशिया, लाओस, मलेशिया -- मालद्वीप, नेपाल, फिलीपाइन्स, पपूग्रा, न्यू गिनी, कोरिया, श्रीलंका, सिंगापुर तथा थाइलैंड । विशेष राष्ट्रमण्डल अफीकी सहायता योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित देशों के छात्रों को सहायता की पेशकश की गई, वोनस्वाना, जाम्बिया, घाना, लेसोथे, मालवी, मारीशस, नाइजीरिया, सीयरे, लाचान, तनजानिया, यूगांडा, स्वाजीलैंड, सेद्दवज, जाम्बिया तथा जिम्बाब्वे । इस योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित 16 देशों को 1983-84 के लिये 25 छात्रवृत्तियों की पेशकश की गई है - आस्ट्रेलिया, अर्जेन्टीना, ब्राजील, चाईल, डेनमार्क, फिनलैंड, नीदरलैंड, नार्वे, पानामा, फोगुवे, पीरू, पेन स्वीडन, स्विटजरलैंड, उरूगुवे, वेनीज्यूला । इस योजना के अन्तर्गत एक वर्ष की अवधि के लिये रोजगार तथा प्रशिक्षण महानिदेशालय के नियंत्रण के अन्तर्गत विभिन्न संस्थानों में विभिन्न प्रकार के शिल्प, अनुदेशकों को प्रशिक्षण के लिये एशिया, अफ्रीका तथा लेटिन अमरीका स्थित राष्ट्रमण्डलीय देशों के राष्ट्रिकों को विशेष छात्रवृत्तियां प्रदान की गई हैं । ये विशेष छात्रबृत्तियां किसी विशेष देश के लिये नहीं है । इस योजना के अन्तर्गत तीन वरिष्ठ शिक्षा विदों का भारत आने का प्रस्ताव था। इनमें से एक शिक्षाविद ने भारत का दौरा कर लिया है और दूसरे की 1 फरवरी, 1984 को आने की संभावना है ।
उत्तराखण्ड के बाड़े छीना (अल्मोड़ा) में जन्मे, हिंदी साहित्य के महान लेखक व साहित्यकार 'शैलेश मटियानी' की कहानियों का उर्दू अनुवाद हल्द्वानी निवासी फ़रीद अहमद ने किया है. तथा अल्ट्रा क्रिएशन्स पब्लिकेशन द्वारा पुस्तक 'शैलेश मटियानी की कहानियां' को प्रकाशित किया गया है. (Shailesh Matiyani stories Urdu) अनुवादक फ़रीद अहमद ने कहा कि 'शैलेश मटियानी' उत्तराखण्ड व हिंदी साहित्य की धरोहर हैं, उन्होंने अपनी कहानियों में समाज की सच्चाई, ज़माने की तल्ख़ हकीकत और एक आम इंसान की ज़मीनी जंग को बयान किया है. 'शैलेश मटियानी' के लेखन व साहित्य पर भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध कार्य किए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक 'शैलेश मटियानी' के लेखन व साहित्य को उर्दू भाषा में अनुवाद नहीं किया गया है. जबकि हिंदी साहित्य के प्रेमचंद, राजिंदर सिंह बेदी, कृष्ण चंदर सहित कई लेखकों की रचनाओं को उर्दू भाषा में अनुवाद किया गया जा चुका है. 'शैलेश मटियानी' की रचनाओं के उर्दू अनुवाद के क्रम में यह पहली पुस्तक होगी, जिसमें 'शैलेश मटियानी' की चार हिंदी कहानियों का सरल उर्दू अनुवाद किया गया है. पुस्तक 'शैलेश मटियानी की कहानियां' में 'शैलेश मटियानी' के कठिन व परिश्रमपूर्ण जीवन का संक्षिप्त वरण के साथ आपकी चार कहानियाँ- 1. 'मैमूद' 2. 'आकाश कितना अनंत है', 3. 'मिसेज ग्रीनवुड', 4. 'हरा हुआ' का उर्दू अनुवाद किया गया है. यह चारों कहानियाँ आम इंसान के रोजमर्रा की जिंदगी के मनोवैज्ञानिक तथा आंतरिक व बाह्य संरचना के इर्द-गिर्द घूमती हैं. फ़रीद अहमद उर्दू भाषा के रिसर्च स्कॉलर तथा कई पुस्तकों के लेखक व संपादक हैं. उनके द्वारा उर्दू साहित्य की पुस्तकों का हिंदी तथा हिंदी साहित्य की पुस्तकों का उर्दू में अनुवाद किया जा रहा है. पुस्तक 'शैलेश मटियानी की कहानियां' को पोथी.कॉम से मंगाया जा सकता है तथा ई-बुक के रूप मे अमेज़न व गूगल बुक से डाउनलोड किया जा सकता है.
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश में कोरोना के दूसरे लहर के दौरान भारी मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ी, जिसके चलते कालाबजारी भी बढ़ा। इंजैक्सन की उपलब्धि बाजार में ना होने के कारण ठगों ने नकली दवाइयों का खुब कारोबार किया। पूरे देश में जब कोरोना संक्रमण मौत का तांडव मचा रहा था जब कुछ ऐसे लोगों ने इसे अवसर बनाया था। इसी क्रम में इंदौर की विजयनगर पुलिस ने ग्लूकोज और नमक मिलाकर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर पूरे देश में खपाने के मामले में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी आरोपी फिलहाल पुलिस की रिमांड में हैं और उन्होंने नकली इंजेक्शन बनाने और बेचने की पूरा साजिश का खुलासा किया है। गुजरात के मोरबी गांव से नकली इंजेक्शन की कहानी शुरू हुई थी जहां एक फैक्ट्री में ग्लूकोज और नमक मिलाकर करीब 5000 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए गए। नकली इंजेक्शन बनाकर बेचने की साजिश का मास्टरमाइंड पुनीत शाह और कौशल बोहरा हैं। पुनीत शाह डिस्पोजेबल ग्लव्स का बिजनेस करता था। कौशल बोहरा ने उसे कोरोना काल में मेडिकल लाइन में कुछ करने का आइडिया दिया था। पुलिस ने जब इंदौर में विजय नगर क्षेत्र से आरोपियों को पकड़ा तब नकली इंजेक्शन मामले का खुलासा हुआ और तब गुजरात पुलिस ने भी फैक्ट्री पर कार्रवाई की। जब पुलिस ने इनके कांटेक्ट खंगाले उसमें और लोगों के शामिल होने का पता चला, जिसके बाद पुलिस ने इंदौर सहित अन्य जगहों से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। ओरिजिनल इंजेक्शन के जरूरत पर आरोपियों ने इसके लिए फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार की और इसके आधार पर असली इंजेक्शन का जुगाड़ कर लिया। इसके बाद लोगों की जिंदगी से खेलने का सिलसिला शुरू हुआ इन्होंने मुंबई में एक कंपनी को सबसे पहले 3000 इंजेक्शन की शीशी हूबहू बनाने का ऑर्डर दिया। कंपनी ने 5000 से कम शीशियों का ऑर्डर लेने से मना कर दिया ऐसे में आरोपियों ने कंपनी को 5000 शीशी तैयार करने का ऑर्डर दे दिया। इसके बाद इन्होंने इंजेक्शन को खपाने का इंतजाम करने के लिए सुनील मिश्रा और कुलदीप को अपने प्लान में शामिल किया। सुनील मिश्रा भी डिस्पोजेबल का काम करता है और इसी कारण वह पुनीत शाह के संपर्क में था। इन्होंने ग्लूकोज और नमक से रेमडिविर इंजेक्शन की तरह दिखने वाला लिक्विड तैयार किया। उसे शीशियों में भरकर पैकिंग कर दी और दो अलग-अलग खेपों में पूरे भारत में सप्लाई किया। इन्हें पता था कि नमक और ग्लूकोस से किसी की जान नहीं जाती। शुरुआती दौर में मरीज को आम तौर पर ग्लूकोज और नमक ही दिया जाता है।
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में कथित गैंगरेप मामले की जांच कर रही एसआईटी ने हाईकोर्ट को सौंपी सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट। एसआईटी ने सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। वहीं, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट के गोपनीय भाग को मामले की अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। मामले पर बहस के दौरान हाईकोर्ट ने प्रकाश सिंह कमेटी की सीलबंद रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित होने पर हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि यह रिपोर्ट सीलबंद थी तो कैसे मीडिया के पास पहुंच गई। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि मीडिया ने इसे प्रकशित किया, तो इस मामले में सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। इस मामले में हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे एमिकस क्यूरी एडवोकट अनुपम गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार मुरथल प्रकरण पर महज आईवाश कर रही है। अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने अदालत से कहा कि उस महिला के ऑडियो टेप को झूठा नहीं कहा जा सकता, जिसने माना है कि कुछ लोग उसकी बेटी को ढाबे के पीछे ले गए और सात घंटों के बाद उसे छोड़ा गया। आखिर सरकार ने माना, मुरथल में जरूर कुछ हुआ है सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुए एडीशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने हाईकोर्ट से पूरी रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ और समय की मांग की। इस बीच, सुनवाई के दौरान सोमवार को आखिरकार हरियाणा सरकार ने माना कि मुरथल में ऐसी घटना हुई होगी। अब तक इस मामले में प्रदेश सरकार का यही कहना था कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। जस्टिस एसएस सारों और जस्टिस लीजा गिल की बेंच ने हरियाणा सरकार से जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में सिविल और पुलिस प्रशासन की भूमिका की जांच के लिए गठित की गई प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट का दूसरा व गोपनीय भाग भी हाईकोर्ट में पेश करने को कहा। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार का सरकार पर तो राज चल रहा है लेकिन शराब बंदी पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है. गुरुवार को बिहार (Bihar News in Hindi) के पालीगंज के दुल्हिनबाजार में एक युवक की जहरीली शराब (Poisonous liquor) पीने के मौत हो गई. शख्स की मौत की असली वजह शराब है या फिर कुछ और यह फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा. बिहार में यह मामला तब सामने आया जब एक दिन पहले बुधवार को बिहार विधानसभा में अवैध शराब की ब्रिक्री (liquor ban law) को लेकर जोरदार हंगामा हुआ था. बुधवार को विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शराब की अवैध बिक्री को लेकर तीखी बहस हुई. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार का सरकार पर तो राज चल रहा है लेकिन शराब बंदी पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है. उन्होंने सीधे तौर पर सीएम नीतीश कुमार को ही शराब माफिया करार देते हुए कहा कि राज्य में शराब का अवैध कारोबार सबसे बड़ा धंधा बन गया है. जानकारी के अनुसार मरने वाले व्यक्ति का नाम मो. मोबिन है और उसकी उम्र 35 वर्ष बताई जा रही है. शख्स सारंपुर गांव का निवासी है. अभी मोबिन के मरने का खुलासा नहीं सका है लेकिन पुलिस और परिजनों के मुताविक मृतक शराब पीता था और इसी से उसकी मौत हुई है. जहरीली शराब पीने से मौत की सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंची और डेड बॉडी को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक मो. मोबिन के पिता मो. इरदीश ने भी ग्रामीणों की बातों की पुष्टि करते हुए कहा कि उसका बेटा शराब पीने का आदि था. सुबह किसी काम के बहाने घर से निकला था. दोपहर होते होते उसकी मौत की खबर घर वालों को मिली. आशंका प्रकट करते हुए मृतक के पिता ने कहा कि हो सकता है मो. मोबिन की मौत अत्यधिक और जहरीली शराब पीने से हुई हो. थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि सारंगपुर के बधार में संदिग्ध स्थिति में एक युवक का शव मिला है. प्रथम दृष्टया युवक की मौत शराब पीने की वजह से हुई प्रतीत हो रही है. बकौल थानाध्यक्ष युवक की मौत के कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा.
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
बांका स्थित ओढ़नी डैम में केज कल्चर से मछली पालन किया जाएगा। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। 41 लाख रुपए की लागत से 24 केज तैयार किए गए हैं। मत्स्य विभाग की ओर से पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर इसका आवंटन किया जाएगा। दरअसल, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। ओढनी डैम में इसी के तहत केज कल्चर से मछली पालन शुरू किया जा रहा है। इस विधि से कम जगह में ज्यादा मछली का उत्पादन किया जा सकता है। साथ ही इस विधि से उत्पादन लागत में भी कमी आती है। हाल के दिनों में मछली उत्पादन के क्षेत्र में बांका तेजी से आगे बढ़ते जा रहा है। इससे युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है। जिला मत्स्य पदाधिकारी संजय कुमार किस्कू ने बताया कि ओढनी डैम में केज बनकर तैयार हो गया है। इसके आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके लिए लोगों से आवेदन मांगा गया है। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर आवंटन की जाएगी। विस्तृत जानकारी के लिए इच्छुक मत्स्य पालक बांका मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ओढनी डैम के अलावा बांका में दो से तीन जगह और भी केज कल्चर के माध्यम से मछली का पालन किया जा रहा है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
गुवाहाटी, दो जून असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को बताया कि होजाई जिले में एक चिकित्सक के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पुलिस ने कहा कि वे मामले में जल्द एक "पुख्ता अरोपपत्र" दाखिल करेंगे, ताकि मंगलवार को उडाली कोविड देखभाल केन्द्र में डॉ. सीयूज कुमार सेनापति के साथ की कई कथित मारपीट के मामले में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जा सके। विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वीडियो में दिख रही एक महिला सहित मुख्य आरोपियों, साजिश रचने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है। होजई के पुलिस अधीक्षक बरुन पुरकायस्थ ने बताया था कि कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित मरीज की उडाली कोविड देखभाल केन्द्र में मंगलवार दोपहर मौत हो गई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें महिलाओं सहित कुछ लोग एक चिकित्सक को मारते नजर आ रहे हैं। सभी राजनीतिक दलों ने घटना की निंदा करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इस बीच, असम मेडिकल सेवा संघ (एएमएसए) ने घोषणा की कि उसके सदस्य इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और पूरे असम में वे ओपीडी सेवाओं का बुधवार को बहिष्कार करेंगे। वहीं, भारतीय चिकित्सा संघ ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा और सेनापति पर हुए हमले को "बेहद अमानवीय" करार दिया तथा दोषियों के खिलाफ जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
मैंने बालिका से कहा- चलो, मैं तुम्हारी मा के पास चलूँगा। अपनी मा से मेरा परिचय करा देना । इस प्रस्ताव के सुनते ही बालिका के दोनों नेत्र कृतज्ञता से भर आये । उसने कहा - Thank you ever so much. It would be so kind of you. क्या आप भी चल सकते हैं ? 'बड़ी खुशों से " 'आपका कुछ हर्ज तो न होगा ?? 'बिल्कुल नहीं। आज तीसरे पहर का समय सर्वथा मेरा है ।' यह सुनकर वालिका पुलकित हुई। भोजन करके हम दोनों चल पड़े । रास्ते में पूछा- क्या मैं तुम्हारा नाम जान सकता हूँ १ 'मेरा नाम एलिस मार्गारेट क्लिफर्ड है ।। मैंने परिहास के तौर पर कहा - हा हा, तो तुम्हीं Alice in Wonderland की एलिस हो ? बालिका अचम्भित रह गई । बोली- सो क्या ? कुछ लजा गया। मैं समझता था कि ऐसी कोई अंगरेज बालिका नहीं होगी, जिसने Alice in Wonderland नामक अनुपम शिशुरंजक पुस्तक को कंठ नहीं कर लिया हो । मैंने कहा - वह एक चमत्कारपूर्ण पुस्तक है। क्या तुमने पढ़ी नहीं ? 'जी नहीं, मैंने तो नहीं पढ़ी ।" 'तुम्हारी मा यदि मुझे अनुमति देंगी, तो मैं उसकी एक प्रति तुम्हें उपहार में दूँगा ।' इस प्रकार बात करते-करते हम सेन्ट मार्टिन्स चर्च के पास होकर चेयरिंग क्रास स्टेशन के सामने आ पहुँचे। टेलीग्राफ़-सके सामने फुटपाथ पर खड़े होकर मैंने बालिका से कहा- श्राश्रो, यहाँ हम वेस्ट मिनिस्टर बस की प्रतीक्षा करें। बालिका ने कहा - बढ़े चलने में क्या आपको कुछ आपत्ति है ! मैंने कहा - कुछ भी नहीं । पर तुम्हें कुछ कष्ट तो नहीं होगा ? 'जी नहीं, मैं तो नित्य ही पैदल जाती हूँ ।" यह जानने का
ठंड की दस्तक के साथ ही अंडे की मांग बढ़ने लगी है। जिससे अंडा महंगा हो रहा है। महीने भर में अंडे के दाम करीब 6 से 12 फीसदी बढ़ चुके हैं। अंडे की घरेलू के साथ ही निर्यात मांग भी बढ़ने से इसकी कीमतों में तेजी आई है। कतर में चल रहे फीफा विश्व कप की वजह से भारत के अंडे की निर्यात बाजार में मांग बढी है। नेशनल ऐग कॉर्डिनेशन कमेटी के आंकड़ों के मुताबिक महीने भर में तमिलनाडु स्थित प्रमुख अंडा उत्पादक केंद्र नमक्कल में अंडे के दाम 515 रुपये से बढ़कर 545 रुपये, दिल्ली में इसके दाम 530 रुपये से बढ़कर 573 रुपये, मुंबई में 545 रुपये से बढ़कर 606 रुपये प्रति सैकड़ा हो चुके हैं। पिछले साल इन दिनों नमक्कल में अंडा 485 रुपये, दिल्ली में 555 रुपये और मुंबई में 535 रुपये प्रति सैकड़ा बिक रहा था। आंकड़ों से जाहिर महीने भर में अंडे के दाम 6 से 12 फीसदी बढ़ चुके हैं। सबसे ज्यादा 12 फीसदी अंडा मुंबई में महंगा हुआ है। दिल्ली में अंडे के थोक कारोबारी प्रमोद नागपाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ठंड के साथ अंडे की खपत बढ़ी है। जिससे इसके दाम भी पिछले महीने से लगातार बढ़ रहे हैं। आगे ठंड और बढ़ने वाली है। ऐसे में अंडे की मांग मजबूत रहने की संभावना है। जिससे अंडे की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। अंडा पिछले साल काफी महंगा बिकने के सवाल पर नागपाल कहते हैं कि अंडे की उत्पादन लागत बढ़ने से इसके दाम इस साल ज्यादा हैं। इस बीच, कतर में हो रहे फीफा विश्व कप की वजह से भारतीय अंडे की निर्यात बाजार में मांग बढ़ी है। तमिलनाडु पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के. सिंगाराज कहते हैं कि आमतौर पर नमक्कल से कतर को एक महीने में करीब एक करोड़ अंडे का निर्यात होता है। लेकिन फीफा विश्वकप के कारण मांग बढ़ने से बीते दो महीने से 2 से 2. 5 करोड़ अंडे प्रति माह निर्यात किए जा रहे हैं। भारतीय अंडा सस्ता होने से इसकी मांग ज्यादा है। कतर को भारतीय अंडा 29 से 31 डॉलर प्रति कार्टन (360 अंडे) केे भाव पर निर्यात हो रहा है। खाड़ी देशों के लिए तुर्की व यूक्रेन अंडे की आपूर्ति के लिए मुख्य देश हैं। इन देशों से अंडे का निर्यात 35 से 37 डॉलर प्रति कार्टन पड़ रहा है।
नई दिल्लीः कांग्रेस ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से मांग की कि पूर्व मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ कार्रवाई के लिए दो सप्ताह के भीतर एक लोकायुक्त नियुक्त किया जाए। कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस से यह भी मांग की कि उसने जिस तत्परता के साथ तोमर के खिलाफ कार्रवाई की है, उसी तत्परता के साथ स्मृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया जैसे केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भी जांच करे, जिनकी डिग्रियों को फर्जी बताया गया है। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, "आप विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ कई मामले हैं। लोकायुक्त के बगैर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। यदि लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होती है, तो तोमर जैसे फर्जी मंत्रियों के खिलाफ कैसे कार्रवाई हो सकती है। " माकन ने कहा, "हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार दो सप्ताह के भीतर एक लोकायुक्त नियुक्त करे, ऐसा न होने पर कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। " कांग्रेस नेता ने कहा, "अरविंद केजरीवाल को पता होना चाहिए कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद विरोध और विद्रोह की राजनीति नहीं हो सकती। " पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली के कानून मंत्री तोमर को उनकी कथित फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया और उन्हें अदालत में पेश कर चार दिन के लिए अपनी हिरासत में ले लिया। माकन ने कहा, "दिल्ली पुलिस को स्मृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया जैसे केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भी जांच में ऐसी तत्परता दिखानी चाहिए। "
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या जैसी स्क्रिप्ट रिपब्लिक टीवी के बहुचर्चित एंकर अर्नब गोस्वामी के लिए भी तैयार है. ये सनसनीखेज दावा बीजेपी सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है. ट्विटर पर एक यूजर का जवाब देते हुए डॉ स्वामी ने कहा 'महाराष्ट्र सरकार वैसी ही स्क्रिप्ट तैयार कर रही है जैसी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के समय फैलाई गई थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा - You can see from the Republic TV expose^ of the attempt to make out "Arnab will commit suicide ", a Sushant Singh Rajput type spin script is being readied to camouflage the supari for the Dubai Dada gang. You can see from the Republic TV expose^ of the attempt to make out "Arnab will commit suicide ", a Sushant Singh Rajput type spin script is being readied to camouflage the supari for the Dubai Dada gang. बीजेपी सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए ये प्रतिक्रिया दी है जिसमें महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक ने खुलासा किया कि उद्धव सरकार अर्नब गोस्वामी को 'फंसाने' के लिए साजिश रच रही है और वे जल्द 'आत्महत्या कर लेंगे'।
क्या कहा ममता ने? ममता बनर्जी मेदिनीपुर के नन्दीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं, जहाँ उनके पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी चुनौती दे रहे हैं। मंगलवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन एक रैली में ममता ने कहा, अपने दूसरे चुनाव प्रचार में मैं एक मंदिर गई तो पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा, मैंने कहा, माँ-माटी-मानुष। जिस पर विवाद मचा हुआ है और खुद उनसे सहानुभूति रखने वाले परेशान हैं, वह मुख्यमंत्री ने इसके बाद कहा, दरअसल, मैं शांडिल्य गोत्र की हूँ। बता दें कि उच्च कुल ब्राह्मणों के सबसे ऊँचे आठ गोत्रों में एक है शांडिल्य। ममता बनर्जी, यह भी बताइए कि क्या रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शांडिल्य गोत्र के ही हैं? बता दें कि रोहिंग्या म्याँमार से आए बांग्लाभाषी मुसलमान हैं। मुसलमानों की राजनीति करने वाले और एआईएमआइएम के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी भी इस बहस में कूद पड़े। उन्होंने ट्वीट किया, मुझ जैसे लोगों का क्या होना चाहिए जो ना शांडिल्य हैं और ना ही जनेऊधारी। जो ना तो किसी खास भगवान का भक्त है और ना ही चालीसा या कोई और पाठ करता है। उन्होंने इसके आगे एक अहम बात कही, जो पश्चिम बंगाल के कई लोगों की जेहन में है। ओवैसी ने कहा, "हर पार्टी जीतने के लिए हिंदू कार्ड खेलने में लगी है। अनैतिक, अपमानजनक और यह सफल नहीं होगा। " नन्दीग्राम में लगभग 30 प्रतिशत मुसलमान हैं जो मोटे तौर पर तृणमूल कांग्रेस के समर्थक माने जाते हैं। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने मंच से ही उसी समय चंडी पाठ किया। उनका उच्चारण बहुत ही साफ और शुद्ध था। हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में बहुत ही अहम बदलाव कर दिए हैं। उसका चुनाव प्रचार राज्य सरकार की नाकामियों और उसकी नीतियों पर आधारित न हो कर हिन्दू-मुसलिम विभाजन पर रहा है। 'पाकिस्तानियों ने बम फेंके' शुभेन्दु अधिकारी पाकिस्तानियों का नाम लेकर मुसलमानों को निशाने पर ले रहे थे। उन्होंने इसे साफ कर दिया। उन्होंने ममता बनर्जी को 'बेग़म' कह कर बुलाया और कहा कि वे मुसलमानों की 'फूफू' और 'खाला' हैं। कुछ दिन पहले तक पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री के नज़दीक रहे शुभेन्दु बाबू ऐसे नहीं थे। और अब राज्य की मुख्यमंत्री अपना गोत्र बताती फिर रही है। बड़ा सवाल तो यह है कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह अभूतपूर्व परिवर्तन क्यों और कैसे हो गया। जहाँ सिर्फ नीतियों और मूल्यों की राजनीति होती थी, दूसरे के धर्म से किसी को कोई मतलब नहीं था, वहाँ की फ़िजाँ में इतना ज़हर कैसे घुल गया? बाऊल संगीत? हिन्दू-मुसलमानों को एकता में पिरोने वाले सूफी परंपरा की बाऊल संगीत की आवाज़ क्या कहीं खो जाएगी? 'सबार ऊपर मानुष सत्य ताहार ऊपरे नाई' यानी सबसे ऊपर मनुष्य मात्र है और कुछ नहीं, का उद्घोष करने वाले रवींद्र नाथ ठाकुर की ज़मीन पर सांप्रदायिकता की विष बेल कहाँ तक जाएगी? इंतजार रहेगा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के नतीजों का।
यह एक आम धारणा है कि पुरुषों का ध्यान हमेशा सेक्स पर ही केन्द्रित रहता है. ऐसा माना जाता है कि जहां एक ओर महिलाओं का अपने प्रेमी या पति से जुड़ाव ज्यादा भावनात्मक होता है वहीं पुरुष शारीरिक संबंधों में ज्यादा उलझे रहते हैं. यह्वी वजह है कि प्रेम संबंधों के अनुरूप पुरुषों को असफल माना जाता है. सामाजिक मान्यताओं के अनुसार पुरुष अपनी महिला साथी की भावनाओं से ज्यादा उसके साथ शारीरिक तौर पर जुड़े रहना पसंद करते हैं. आपको शायद पता ना हो लेकिन अगर पुरुष अपनी पत्नी से शारीरिक तौर पर संतुष्ट नहीं हो पाते तो वह अपनी पत्नी को तलाक तक दे देते हैं. बहुत सी नाकारत्मक स्वभाविक विशेषताओं के बावजूद पुरुषों का भावनात्मक पहलू भी बहुत मजबूत होता है. चलिए पुरुषों के बारे में हम आपको और भी बहुत कुछ बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपको ये लगेगा क्या वाकई पुरुष ऐसे भी होते हैं. अपने बच्चे बहुत प्यारे होते हैंः पुरुष अपनी पत्नी से कितना ही लड़ते-झगड़ते क्यों ना रहें लेकिन सच यही है कि उन्हें अपने बच्चों से बहुत प्यार होता है. वह अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहते हैं. अगर उनकी पत्नी उनके बच्चों की सही तरीके से परवरिश करती है तो वह उसे बहुत ज्यादा सम्मान देते हैं. हां अगर वो ऐसा नहीं करती तो वे ऐसा कहने से भी गुरेज नहीं करते कि 'मेरे बच्चे तुम्हारी वजह से बिगड़े हैं'. उसने कभी प्यार ही नहीं किया थाः हालांकि सभी पारिवारिक और आपसी झगड़ों का हल बातचीत से निकाला जा सकता है लेकिन अगर बात बिगड़ जाए और नौबत तलाक की आ जाए तो आप यकीन नहीं करेंगे कि पुरुष अपनी महिला साथी को लेकर क्या-क्या सोचते हैं. तलाक के बाद पुरुष यह मानते हैं कि उनकी पत्नी ने कभी उनसे प्यार ही नहीं किया था. वह तो सिर्फ उनसे दूर होने के फिराक में थी. जब शारीरिक संबंधों के प्रति महिलाओं की दिलचस्पी समाप्त हो जाती है तो उन्हें यह उनकी भावनाओं को नहीं बल्कि उन्हें लगता है इससे उनका पौरुषत्व समाप्त होता जा रहा है और उनके लिए यह चिंता का विषय बन जाता है. आपकी तंगहालीः तलाक के बाद जब आप आर्थिक तौर पर असहाय पड़ जाती हैं तो यकीन मानिए यह पुरुषों को बहुत पसंद आता है. उन्हें लगता है कि इससे आपको इस बात का एहसास होगा कि वह कितनी मेहनत से धन अर्जित करके लाते थे और आप उन्हें उड़ाती थीं. खुश नहीं बल्कि जलते हैंः तलाक के बाद पुरुष कहते तो हैं कि वो अब पहले से ज्यादा खुश हैं लेकिन सच तो यह है कि वह आपके नए साथी से इतनी जलन रखते हैं कि उन्हें आपके साथ देख भी नहीं पाते.
KANPUR: मेडिकल कॉलेज के अपर इंडिया जच्चा बच्चा अस्पताल में संडे शाम को तीमारदारों ने प्रसूता को गलत इंजेक्शन लगाने से मौत होने का आरोप लगा कर हंगामा किया। उन्नाव के भगवंतनगर निवासी रविशंकर ने अपनी पत्नी सुमनदेवी(25) को फ्राईडे को पेट में दर्द होने पर भर्ती कराया था। उसे जुड़वा बच्चे भी हुए जिनका एनआईसीयू में इलाज चल रहा है। पति के मुताबिक सुमन का वार्ड-6 में इलाज चल रहा था। संडे शाम को पत्नी के पेट में दर्द हुआ उन्होंने डॉक्टर को बुलाया तो डॉक्टर एक इंजेक्शन लगा कर चली गई। जिसके थोड़ी देर बाद ही सुमन की मौत हो गई। जिससे गुस्साए परिजनों ने हंगामा किया सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। परिजन बिना कोई शिकायत दर्ज कराए शव लेकर चले गए। वहीं एचओडी प्रो। किरन पांडेय ने इलाज में लापरवाही के आरोप से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मरीज की हालत पहले से ही नाजुक थी।
रायता बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो इस बार नॉर्मल नहीं बल्कि आम का रायता करें ट्राई। जानें आसान रेसिपी। गर्मी के दिनों में रायता को भोजन में शामिल करना भारतीय लोगों को खूब पसंद है। कई लोगों को इसके बिना खाना खाने का मन भी नहीं करता है। एक तरह से रायता भोजन में स्वाद का तड़का लगाने का काम करता है। पराठे, दाल-चावल आदि भोजन के साथ इसे परोसा जाता है। वैसे तो इससे पहले आपने कई तरह का रायता ट्राई किया होगा, लेकिन आज रेसिपी ऑफ़ डे में हम आपको आम का रायता बनाने के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस रेसिपी के बारे में। - आम का रायता बनाने के लिए आपको अधिक मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है। लगभग 5-10 मिनट के अंदर इसे आप आसानी से बना सकते हैं। आम का रायता बनाने के लिए सबसे पहले एक मिक्सर में दही और चीनी को डालकर और दो चम्मच आम के गूदा को डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए। (कच्चे आम की टेस्टी आइसक्रीम) - दही और चीनी मिक्स करने के बाद इस मिश्रण को किसी बर्तन में निकाल लीजिए। बरतने में निकालने के बाद बचे हुए आम को डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए। इसके बाद इसमें नमक, जीरा पाउडर, काली मिर्च आदि सामग्री को डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए। - सभी सामग्री अच्छे से मिक्स करने के बाद लगभग 20 मिनट के लिए फ्रिज में रख दीजिए। 10 मिनट फ्रिज में रखने के बाद इसे निकाल लीजिए और ऊपर से धनिया पत्ता को डालकर मिक्स कर लीजिए। - धनिया पत्ता मिक्स करने बाद ऊपर से चाट मसाला को डालें और मिक्स कर लें। तैयार है टेस्टी आम का रायता सर्व करने के लिए। आप चाहें तो धनिया पत्ता के साथ-साथ पुदीना के पत्तों को भी डाल सकते हैं। घर पर आसान विधि से बनाएं आम का रायता। - Step 1 : आम का रायता बनाने के लिए सबसे पहले मिक्सर में दही और चीनी को डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए। - Step 2 : इसके बाद मिक्सर में एक से दो चम्मच आम का गूदा भी डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए। - Step 3 : अब इस मिश्रण को किसी बर्तन में निकाल लीजिए और बचे हुए आम को डालें। - Step 4 : आम डालने के बाद इसमें नमक, जीरा पाउडर, काली मिर्च आदि सामग्री को डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए। - Step 5 : इसके बाद ऊपर से धनिया पत्ता को डालकर खाने के लिए सर्व करें। - Step 6 : अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि रूल 7ए अधिसूचित क्षेत्र (कंट्रोल्ड एरिया) में बिना एनओसी के जमीन के टुकड़ों व प्लाॅट की रजिस्ट्री करने के मामलों की जांच की जा रही है। इसमें संलिप्त पाए जाने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ निलंबन तक सीमित नहीं रहेगी, दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ केस भी दर्ज होगा। इससे पहले दुष्यंत चौटाला ने स्टेट एडवाइजरी कॉन्ट्रेक्ट लेबर बोर्ड की बैठक की भी अध्यक्षता की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि काॅन्ट्रेक्ट लेबर रखने वाली सभी पंजीकृत साइट तथा संस्थानों को हरियाणा उद्योग मेमोरंडम (एचयूएम) के साथ जोड़ा जाएगा। 1 फरवरी 2021 के बाद यदि कोई ठेकेदार अथवा संस्थान एचयूएम के साथ पंजीकृत नहीं पाया जाता तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एचयूएम से जुड़ने के बाद कॉन्ट्रेक्ट लेबर के तौर पर काम करने वाले सभी श्रमिकों को ईएसआई तथा ईपीएफ का पूरा लाभ मिलना तय होगा। इस मौके पर श्रमराज्यमंत्री अनूप धानक, जजपा जिला अध्यक्ष सूबे सिंह बोहरा, नरेश सहरावत मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 'एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड' योजना के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इस योजना से कई फायदे होंगे। पहला राशनकार्ड धारक उस राशन डिपो से अपना निर्धारित राशन ले पाएगा जहां पर राशन उपलब्ध है। दूसरा, हरियाणा ही नही किसी भी प्रदेश का राशन कार्ड धारक अब किसी अन्य राज्य में भी उसके लिए निर्धारित राशन प्राप्त कर सकता है और तीसरा लाभ यह है कि राशनकार्ड धारक गुणवता और माप का आकलन करके अपने मन चाहे डिपोधारक से अपने हिस्से का राशन ले सकता है।
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है. कैल्शियम की कमी का एहसास बढ़ती उम्र के साथ ही पता चलता है. जैसे-जैसे उम्र ढलती है हड्डियों में दर्द की समस्या बढ़ती है. दूध, दूध से बनी चीजें, हरी सब्जियां, अंडे , मछ्ली आदि महिलाओं को अपनी डाइट शामिल करना चाहिए. फॉलिक एसिड फॉलिक एसिड की जरूरत प्रेगनेंट महिलाओं को बहुत होती है. यह सबसे ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियों, जूस, बीन्स और काजू में पाया जाता है. प्रोटीन एक प्रोटीन डाइट मेटाबॉलोज्म कंट्रोल करने में मदद करती है. नॉन-वेज फूड जैसे अंडा, चिकन, मछ्ली में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा दूध, काजू, बादाम में प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है. फाइबर फाइबर के लिए महिलाओं को रेशे वाली चीजें अपने खान-पान में शामिल करनी चाहिए जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज. ये भी पढ़ेंःआपको सर्दी में भी फिजिकली स्ट्रॉन्ग रखेंगी ये चीजें विटामिन्स शरीर सही से काम करे इसलिए महिलाओं को विटामिन्स की भी बहुत जरूरत होती है. संतरा, हरी मिर्च, खट्टे फल और नींबू में विटामिन C, हरी सब्जियों में विटामिन A और टूना मछ्ली आदि में विटामिन D बहुत होता है.
इस ओमीक्रॉन वैरिऐंट में बड़ी संख्या में म्युटेशंस हैं जो किसी संक्रमण अथवा टीकाकरण के उपरांत विकसित उदासीनकारी यानी न्यूट्रलाइज़िंग एंटीबॉडीज़ और चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ का विरोध कर सकते हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन के विभेदन स्थल के आस- पास भी म्यूटेशन के समूह देखे जाते हैं। यह स्पाइक प्रोटीन वायरस को कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है। कोरोना वायरस जितनी आसानी से कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं उतनी ही तेजी से उनका उत्पादन भी होता है और उनकी संचारक क्षमता भी बढ़ जाती है।